नोएडा। दिव्यांशु ठाकुर
श्रावण मास में पड़ने वाले सोमवार का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यदि आप केवल सावन के सोमवार को ही महादेव की पूजा करते हैं, तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी और आपकी सभी परेशानियों का भी अंत हो जाएगा।
इसी कारण से, लोग सावन के हर सोमवार को भगवान शिव की पूजा सच्चे मन से करते हैं। पूजा के लिए वे शिवालयों में जाते हैं और कई लोग तो कांवड़ यात्रा पर भी निकलते हैं। इस दिन व्रत और उपवास का भी विशेष महत्व होता है।
व्रत के दौरान अधिकांश लोग फलाहारी भोजन का सेवन करते हैं। यदि आप सावन के सोमवार के तीसरे दिन व्रत में कुछ नया बनाने की सोच रहे हैं, तो फलाहारी आलू का पराठा एक उत्तम विकल्प हो सकता है।
फलाहारी आलू का पराठा बनाने की सामग्री:
- 1 कप साबूदाना
- 1/2 कप कुट्टू का आटा
- 2 उबले आलू
- 2 हरी मिर्च
- 1 इंच अदरक
- हरा धनिया
- सेंधा नमक
- 1/2 टीस्पून काली मिर्च पाउडर
- 2 टेबलस्पून घी
पराठा बनाने की विधि:
- सबसे पहले साबूदाना को अच्छी तरह से धोकर 5-6 घंटे के लिए पानी में भिगो दें। जब यह फूल कर नरम हो जाए, तो इसे पानी से निकालकर सुखा लें।
- अब साबूदाना से सारा पानी निकालकर उसमें उबले हुए आलू डालें और अच्छी तरह से मैश करें। आलू और साबूदाना के मिश्रण में थोड़ा सा कुट्टू का आटा डालें ताकि इसे बेलने में आसानी हो।
- इस मिश्रण में कटी हुई हरी मिर्च, अदरक, हरा धनिया, सेंधा नमक और काली मिर्च पाउडर डालें। इन सभी सामग्री को अच्छी तरह मिलाएं और पराठे का आटा तैयार कर लें।
- अब इस आटे की छोटी-छोटी लोइयां बनाएं और बेलन की सहायता से गोल-गोल बेल लें। अगर यह बेलने पर चिपक रहा हो, तो थोड़ा सा कुट्टू का आटा छिड़कें।
- तवे पर पराठे को रखें और दोनों तरफ से सुनहरा और कुरकुरा होने तक सेकें। इसे फलाहारी चटनी और दही के साथ परोस सकते हैं।
इस तरह से सावन के सोमवार को आप महादेव की पूजा के साथ-साथ स्वादिष्ट फलाहारी आलू के पराठे का भी आनंद ले सकते हैं।
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