नोएडा। दिव्यांशु ठाकुर
नोएडा एयरपोर्ट का निर्माण कर रही ज्यूरिख कंपनी अब मिराज और राफेल जैसे विमानों के लिए मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहॉल (एमआरओ) हब विकसित करने की योजना पर तेजी से काम कर रही है। कंपनी ने एमआरओ हब के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) जारी कर दिया है, जिसके माध्यम से कंपनियों से आवेदन मांगे गए हैं। एमआरओ हब का चयन प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।
वर्तमान में, भारत विमानों के रखरखाव के लिए अमेरिका, चीन और सिंगापुर पर निर्भर है, लेकिन इसे समाप्त करने के लिए एयरपोर्ट के पास दो एमआरओ हब बनाए जाएंगे। पहला एमआरओ 40 एकड़ में बनाया जाएगा, जबकि दूसरा 1365 हेक्टेयर में विकसित होगा। वर्तमान में भारत में 713 विमान हैं, और 2031 तक यह संख्या बढ़कर 1522 होने की संभावना है। एयरपोर्ट पर दूसरा रनवे 2025 में तैयार होगा, जिससे सालाना 80 मिलियन टन एयर कार्गो के आयात और निर्यात की संभावना बढ़ेगी।