नोएडा। दिव्यांशु ठाकुर
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हुई एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में पीड़िता डॉक्टर के पिता ने श्मशान में तीन शवों की उपस्थिति के बावजूद उनकी बेटी का अंतिम संस्कार पहले किए जाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि उस वक्त वह कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं थे और किसी ने भी अंतिम संस्कार को रोकने की कोशिश नहीं की।
पीड़िता के पिता ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जब खुद मुख्यमंत्री सड़कों पर उतरकर न्याय की मांग कर रही हैं, तो दूसरों के न्याय की आवाज़ को क्यों दबा रही हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के रवैये को परेशान करने वाला बताया और कहा कि जब घटना घटी, तब विभाग और कॉलेज के किसी भी व्यक्ति ने उनका सहयोग नहीं किया। उनका आरोप है कि इस मामले में पूरा विभाग शामिल हो सकता है।
सीबीआई जांच को लेकर पीड़िता के पिता ने कहा कि पिछले तीन दिनों से जांच एजेंसी अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से पूछताछ कर रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है। उन्होंने बताया कि घटना के बाद संदीप घोष ने उन्हें अपने कार्यालय में बुलाया, लेकिन बाद में उनसे मिलने नहीं आए।
पीड़िता के पिता ने यह भी बताया कि उनकी बेटी कभी भी अस्पताल की परेशानियों के बारे में घर में कुछ नहीं बताती थी, ताकि परिवार चिंतित न हो। कोलकाता पुलिस की प्रतिक्रिया पर उन्होंने कहा कि पुलिस प्रमुख ने उनके दुख को साझा करने का प्रयास किया।
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