नोएडा। दिव्यांशु ठाकुर
राधा अष्टमी 2024, भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाएगी। इस पावन दिन को विशेष रूप से राधा-कृष्ण की पूजा और व्रत के लिए समर्पित किया जाता है। इस दिन राधा-कृष्ण की प्रतिमा या चित्र की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। उन्हें सुंदर वस्त्र पहनाकर और विभिन्न प्रकार के फूलों से सजाकर पूजा की जाती है, विशेष रूप से तुलसी, मालती और गुलाब के फूलों से।
व्रत रखना भी इस दिन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। फलाहार और सात्विक भोजन का सेवन कर भक्त मानसिक शांति और भक्ति में स्थिरता प्राप्त करते हैं। राधा चालीसा और राधा मंत्र का जाप करके भक्त प्रेम और सुख की अनुभूति करते हैं। इस दिन दीन-दुखियों और ब्राह्मणों को दान देने का भी महत्व है, जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है और राधा रानी की कृपा प्राप्त होती है।
इस दिन नकारात्मक विचारों से बचना चाहिए और तामसिक भोजन जैसे मांस, मछली और शराब से दूर रहना चाहिए। पूजा करते समय शुद्ध वस्त्र पहनना और बुरे कर्मों से बचना जरूरी है। यह दिन प्रेम और भक्ति का प्रतीक है, इसलिए मन को शांत रखें और सच्चे मन से पूजा करें।
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