ग्रेटर नोएडा। कपिल चौधरी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी (एसीईओ) प्रेरणा सिंह ने परियोजना विभाग के वर्क सर्किल 4 और 7 के विभिन्न विकास कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कार्यों में लापरवाही और गुणवत्ता में कमी को लेकर गहरी नाराजगी जताई। एसीईओ ने साफ किया कि विकास कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की पूरी जिम्मेदारी वर्क सर्किल इंचार्ज की होगी, और यदि कार्यों में कोई भी कमी पाई गई तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गुणवत्ता की जिम्मेदारी होगी वर्क सर्किल प्रभारी पर
एसीईओ प्रेरणा सिंह ने जोर देते हुए कहा कि प्रत्येक विकास कार्य की गुणवत्ता सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए, और इसके लिए वर्क सर्किल प्रभारी सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे। समीक्षा के दौरान यह सामने आया कि कुछ स्थानों पर विकास कार्यों में लापरवाही बरती जा रही है, जिससे प्राधिकरण की छवि प्रभावित हो रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि भविष्य में किसी भी परियोजना की गुणवत्ता में खामियां पाई गईं, तो वर्क सर्किल प्रभारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
जियो टैगिंग से होगी मॉनिटरिंग, ठेकेदारों को मिलेगा नोटिस
समीक्षा बैठक के दौरान एसीईओ ने विकास कार्यों की निगरानी के लिए एक ठोस कदम उठाते हुए निर्देश दिया कि सभी तकनीकी सुपरवाइजरों की उपस्थिति जियो टैगिंग फोटोग्राफ और लोकेशन के माध्यम से सुनिश्चित की जाएगी। इससे न केवल कर्मचारियों की उपस्थिति पर निगरानी होगी, बल्कि कार्य स्थल की वास्तविक स्थिति की जानकारी भी तुरंत मिल सकेगी।
साथ ही, जिन ठेकेदारों द्वारा परियोजनाओं को समय पर पूरा नहीं किया जा रहा है, उन्हें कड़ी चेतावनी देते हुए नोटिस जारी करने के निर्देश भी दिए गए हैं। एसीईओ ने स्पष्ट किया कि समयबद्धता के साथ कार्यों को पूरा करना आवश्यक है और ठेकेदारों की लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
लंबित कार्यों को जल्द पूरा करने पर जोर
बैठक के दौरान, एसीईओ प्रेरणा सिंह ने लंबित विकास कार्यों पर भी विशेष ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने वर्क सर्किल प्रभारी को निर्देश दिया कि सभी लंबित परियोजनाओं का एस्टीमेट शीघ्र स्वीकृत कराकर टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाए। उन्होंने सभी विभागों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी विकास कार्य में देरी न हो और गुणवत्ता से समझौता न किया जाए।
महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए कार्ययोजना की मांग
प्रेरणा सिंह ने सभी महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए स्पष्ट कार्ययोजना बनाने के निर्देश भी दिए हैं, ताकि कार्यों की प्रगति सुचारू रूप से हो सके। इसके अतिरिक्त, उन्होंने ग्रेटर नोएडा के तालाबों के सौंदर्यीकरण की परियोजनाओं को सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड से कराने का सुझाव दिया, जिससे प्राकृतिक सौंदर्य को संरक्षित करने के साथ-साथ शहर का पर्यावरणीय संतुलन भी बना रहे।
जीआईआरएस प्रणाली के माध्यम से गुणवत्ता पर ध्यान देने के निर्देश
एसीईओ ने जीआईआरएस (गवर्नमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर रिकवरी सिस्टम) पर लंबित मामलों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि इन प्रकरणों को गुणवत्ता के साथ समय पर पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी परियोजनाओं की मॉनिटरिंग की जाएगी और किसी भी प्रकार की कमी को सहन नहीं किया जाएगा।
सख्ती से कार्यों की निगरानी
बैठक के अंत में, प्रेरणा सिंह ने सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि वे अपनी जिम्मेदारियों को ध्यान से निभाएं और विकास कार्यों में गुणवत्ता और समयबद्धता के साथ किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो। उन्होंने कहा कि अब से सभी कार्यों की बारीकी से निगरानी की जाएगी और जो भी ठेकेदार या अधिकारी काम में लापरवाही करेगा, उसे दंडित किया जाएगा।
प्राधिकरण की इस बैठक से यह स्पष्ट हो गया है कि विकास कार्यों की गुणवत्ता और समय पर उन्हें पूरा करना सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्राधिकरण की एसीईओ प्रेरणा सिंह ने यह संदेश साफ तौर पर दिया है कि लापरवाही करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, और गुणवत्ता में कोई भी समझौता अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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