शारदा विश्वविद्यालय और मलेशिया की यूनिवर्सिटी MARA ने आयोजित किया ‘नैनोसाइंस और नैनोटेक्नोलॉजी’ पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन, डॉ. मोहित साहनी ने स्थायी भविष्य और समाज 5.0 पर दिया जोर

ग्रेटर नोएडा। दिव्यांशु ठाकुर 

ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय और मलेशिया की यूनिवर्सिटी टेक्नोलॉजी MARA (मारा) ने “स्थायी भविष्य के लिए नैनोसाइंस और नैनोटेक्नोलॉजी” पर एक ऑनलाइन संयुक्त अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन में शारदा विश्वविद्यालय के डॉ. मोहित साहनी मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए। उन्होंने अपने व्याख्यान में 17 सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) और समाज 5.0 पर जोर दिया।

डॉ. साहनी ने बताया कि नैनोटेक्नोलॉजी भविष्य की तकनीकों को बदलते हुए मानव जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने में सक्षम है। नैनो स्तर पर हो रहे शोध तेजी से नए नैनो इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के विकास में सहायक बनेंगे, जो समाज के हर क्षेत्र में लाभकारी होंगे। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि नैनोटेक्नोलॉजी से भविष्य में विद्युत लाइनों, सौर ऊर्जा कोशिकाओं, और जैव ईंधन को अधिक कुशल बनाया जा सकेगा, साथ ही परमाणु रिएक्टरों की सुरक्षा में भी सुधार होगा।

स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में नैनोटेक्नोलॉजी कैंसर जैसी बीमारियों का बेहतर पता लगाने और उपचार में भी बड़ी प्रगति ला सकती है। नैनोसाइंस में परमाणुओं और अणुओं के साथ हेरफेर कर नए रासायनिक और भौतिक गुण दिए जा सकते हैं, जो इलेक्ट्रॉनिक्स, चिकित्सा, ऊर्जा और कपड़ा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उपयोगी सिद्ध होंगे।


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