ग्रेटर नोएडा। कपिल चौधरी
यमुना विकास प्राधिकरण के प्रोजेक्ट विभाग में सैकड़ो की संख्या में टेक्निकल सुपरवाइजर और सुपरवाइजर है। जोकि प्राधिकरण के लिए पूरी मुस्तादी से कार्य करते हैं और प्राधिकरण का अभिन्न हिस्सा है। विकास कार्य को निष्पादित करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। लेकिन यह लोग बहुत कम तनख्वाह पर कार्य कर रहे हैं। प्राधिकरण के उच्च अधिकारियों को महंगाई का ध्यान रखते हुए उनकी तनख्वाह में वृद्धि करनी चाहिए।
11 हज़ार सैलरी में घर कैसे चले
यमुना प्राधिकरण के सुपरवाइजर का कहना है कि पिछले काफी सालों से 11 हजार तनख्वाह पर काम कर रहे हैं। 2016 से सैलरी में कोई भी वृद्धि नहीं हुई है। अब उनका इतनी कम सैलरी में खर्च नहीं चलता है। पिछले काफी वर्षों से प्राधिकरण से मांग कर रहे हैं कि उनकी सैलरी बढ़ाई जाए। इनका कहना है कि साइडों पर आने जाने में ही इनका 5 से 6 हज़ार रुपए खर्च हो जाते है उसके बाद इतनी कम सैलरी में घर के खर्च और बच्चों की शिक्षा कैसे हो।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में सुपरवाइजर की सैलरी है ज्यादा
जबकि गौतम बुध नगर में ही दो और प्राधिकरण है जिनके सुपरवाइजर और टेक्निकल सुपरवाइजर की सैलरी इनसे दुगनी से भी ज्यादा है और उसके बाद भी बढ़ाने की तैयारी चल रही है। लेकिन यमुना प्राधिकरण में 2016 से सैलरी में कोई वृद्धि नहीं हुई है यह कहना है यहां के सुपरवाइजर और टेक्निकल सुपरवाइजर का।
सुपरवाइजर की कुछ प्रमुख मांगे:-
- नोएडा प्राधिकरण के सुपरवाइजर के बराबर सैलरी हो
- प्राधिकरण के आईडी कार्ड मिले
- पीएफ समय से कटे
- स्वास्थ्य बीमा हो
- कर्मचारियों को बोनस का प्रावधान हो
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