Noida और ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण का स्तर फिर से बेकाबू होता जा रहा है। मंगलवार को नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 390 और ग्रेटर नोएडा का 380 पर पहुंच गया। सुबह के समय दोनों शहरों का AQI 400 के पार दर्ज किया गया था, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है। तापमान में गिरावट और हवा के थमने से प्रदूषण में वृद्धि हो रही है। अगर बारिश या तेज हवा नहीं चली, तो प्रदूषण स्तर “डार्क रेड ज़ोन” में 400 के पार जा सकता है।
प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास नाकाफी
18 नवंबर से 5 दिसंबर तक ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) की चौथी स्टेज लागू की गई थी, जिसमें सख्त पाबंदियां लगाई गई थीं। हालांकि, ग्रेप-4 हटाने के बाद, प्रदूषण नियंत्रण के उपायों में लापरवाही देखने को मिल रही है। सड़कों पर पानी का छिड़काव नहीं हो रहा है और निर्माण सामग्री खुले में पड़ी हुई है। कई स्थानों पर धूल भरी सड़कें स्थिति को और खराब कर रही हैं।
निर्माण कार्यों पर रोक से प्रोजेक्ट प्रभावित
प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 100 से अधिक बिल्डर प्रोजेक्टों पर काम रुक गया है। क्रेडाई वेस्टर्न यूपी के वाइस प्रेसिडेंट सुरेश गर्ग ने बताया कि काम पहले ही 20% गति से चल रहा था, लेकिन अब फिर से रोक लगने से प्रोजेक्ट तीन से चार महीने पीछे चले गए हैं। सर्दियों में श्रमिक आने से इनकार कर देते हैं, जिससे निर्माण कार्य और प्रभावित होता है।
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