Hacienda Land Scam: नोएडा के मशहूर हैसिंडा लैन्ड स्कैम में Noida Authority के ग्रुप हाउसिंग और वित्त विभाग के तत्कालीन अधिकारियों के भी शामिल होने की खबर सामने आई है। जानकारी के लिए बता दे कि ED के जांच में ये खुलासा हुआ है कि हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों ने भूमि आवंटन के बाद वर्ष 2014 से भुगतान बंद कर दिया था। जिसके बाद से ही नोएजा अथॉरिटी से जुड़ी वसूली की जिम्मेदारी Group Housing और वित्त विभाग के अधिकारियों की थी। मगर बता दे कि विभागो द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया। जिसके बाद, कंपनी ने अथॉरिटी को 107 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया, जिससे किसानों को अधिग्रहित भूमि के बदले अतिरिक्त मुआवजा देने में बाधा आई।
Hacienda Land Scam में ED की जांच में सामने आई ये बात
जानकारी के लिए बता दे कि ED की जांच में यह सामने आया है कि Noida Authority ने कंपनी को कई बार नोटिस जारी किया था, लेकिन कंपनी ने महज 1.20 करोड़ रुपये का भुगतान करने के बाद जवाब देना ही बंद कर दिया। इसके बाद, कंपनी के तत्कालीन निदेशकों ने अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए इस्तीफा दे दिया और एक स्टोर कीपर आनंद कुमार को निदेशक बना दिया। नोएडा अथॉरिटी के Group Housing और वित्त विभाग के अधिकारियों ने बकाया वसूलने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिससे उनकी भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। और यही वजह है कि Hacienda Land Scam लगातार लोगो के बीच चर्चा में बना हुआ।
अदालत ने सुरक्षित किया अपना फैसला
वहीं बात अगर जाँच की करें तो फिलहाल ED यह जांच कर रही है कि क्या वसूली से जुड़ी फाइल Noida Authority के तत्कालीन सीईओ तक भेजी गई थी या नहीं और कितनी बार अधिकारियों ने कंपनी को भुगतान के लिए नोटिस जारी किया। उस समय वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रमारमण नोएडा अथॉरिटी के सीईओ पद पर तैनात थे। ईडी की जांच शुरू होने के बाद उन्होंने अदालत में अंतरिम जमानत के लिए अर्जी दाखिल की, जिसकी सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब उम्मीद है कि जल्द ही अदालत द्वारा Hacienda Land Scam पर लिया गया फैसला सामने आ जाएगा।
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