Krishna Hospital में इलाज के दौरान गंभीर लापरवाही के कारण गर्भवती महिला और उसके गर्भस्थ शिशु की दर्दनाक मौत हो गई। परिजनों ने Dadri के कृष्णा हॉस्पिटल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) से शिकायत की थी। इस मामले की जांच के लिए एक चार सदस्यीय समिति गठित की गई, जिसने लापरवाही की पुष्टि की। जांच रिपोर्ट के आधार पर CMO ने अस्पताल का पंजीकरण निरस्त कर दिया। स्थानीय लोगों ने इस कार्रवाई की सराहना की और अस्पताल प्रशासन की गैर-जिम्मेदाराना हरकत की कड़ी निंदा की। आइए जानते है क्या है पूरा मामला। पूरी खबर के लिए लेख को अंत तक जरूर पढ़े।
Krishna Hospital में चार सदस्यीय टीम ने की थी जांच
मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा गठित जांच समिति में उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जैशलाल, डॉ. आरपी सिंह, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रणवीर सिंह और महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. गुरप्रीत सिंह शामिल थे। टीम ने पूरे मामले की गहन जांच की और पाया कि कृष्णा हॉस्पिटल प्रशासन ने इलाज के दौरान लापरवाही बरती थी, जिससे कोमल और उसके अजन्मे शिशु की जान चली गई। रिपोर्ट में साफ तौर पर अस्पताल को दोषी ठहराया गया, जिसके बाद CMO ने सख्त कदम उठाते हुए Dadri के Krishna Hospital का पंजीकरण रद्द कर दिया।
स्थानीय लोगों ने की कार्रवाई की सराहना
घटना के बाद स्थानीय लोगों में अस्पताल प्रशासन के खिलाफ भारी आक्रोश देखने को मिला। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। CMO द्वारा उठाए गए इस कदम की सराहना करते हुए लोगों ने उम्मीद जताई कि इस कार्रवाई से अन्य अस्पताल भी सतर्क होंगे और मरीजों को सही इलाज मिलेगा। Dadri के Krishna Hospital में हुए इस घटना ने स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की आवश्यकता को भी उजागर किया है। ग्रेटर नोएडा मे हुए इस हादसे ने लोगो की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया है.
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