Somnath Mandir Trust: सोमनाथ को एक प्रमुख आध्यात्मिक तीर्थ स्थल के रूप में विकसित कर रहा है। इसके तहत श्रद्धालुओं को यह जानकारी दी जा रही है कि सोमनाथ आने पर वे अन्य महत्वपूर्ण तीर्थों के दर्शन भी कर सकते हैं। इनमें प्रमुख रूप से भालका तीर्थ, गीता मंदिर और बलदेवजी मंदिर शामिल हैं। भालका तीर्थ वह स्थान है जहां भगवान कृष्ण ने अपनी इहलीला समाप्त की थी, जबकि गीता मंदिर उनके अंतिम संस्कार का स्थल माना जाता है। वहीं, बलदेवजी मंदिर की गुफा से उनके बड़े भाई बलराम पाताल लोक को प्रस्थान कर गए थे। ये सभी स्थल सोमनाथ के आसपास स्थित हैं और आसानी से दर्शन किए जा सकते हैं।
Somnath Mandir Trust ने कही ये बात
सोमनाथ में तीन नदियों—सरस्वती, कपिला और हिरण—का संगम होता है, जिसे त्रिवेणी संगम कहा जाता है। यहां सरस्वती नदी विलुप्त हो चुकी है, जबकि कपिला और हिरण नदियां अरब सागर में मिल जाती हैं। त्रिवेणी संगम के पास स्थित भालका तीर्थ का विशेष महत्व है, क्योंकि यहीं पर भगवान कृष्ण को व्याध के तीर ने घायल किया था। उन्होंने शिकारी को क्षमा कर यह बताया कि यह घटना उनके पिछले जन्म के कर्मों का प्रतिफल है। Somnath Mandir Trust ने ऐतिहासिक स्थल के पास स्थित गीता मंदिर में भगवान कृष्ण के अंतिम संस्कार की स्मृति में एक मंदिर बनाया गया है, जो श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है।
जाने इसका इतिहास
बलदेवजी मंदिर, जो भालका तीर्थ से कुछ ही दूरी पर स्थित है, विशेष रूप से शिवरात्रि के अवसर पर प्रसिद्ध रहता है। इस मंदिर में स्थित एक गुफा के संबंध में मान्यता है कि भगवान बलराम ने यहीं से पाताल लोक प्रस्थान किया था। गुफा के भीतर नाग देवता की एक प्राचीन प्रतिमा स्थित है और पास में एक छिद्र भी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि हर महाशिवरात्रि को नाग देवता इसके माध्यम से यहां आते हैं। यह स्थल प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक शांति का अनुभव प्रदान करता है, जहां श्रद्धालु और पर्यटक ध्यान और शांति के कुछ पल बिताने के लिए आते हैं।
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