Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में प्रदूषण नियंत्रण को मिलेगी नई दिशा!

Uttar Pradesh

Uttar Pradesh: पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में एक व्यापक योजना तैयार की गई है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के ढांचे के विस्तार और सुदृढ़ीकरण की यह योजना शासन स्तर पर अनुमोदन की प्रक्रिया में है। इसके तहत मंडल मुख्यालयों और प्रमुख औद्योगिक जिलों में क्षेत्रीय कार्यालय खोलने का प्रस्ताव है, जबकि शेष जिलों में जिला-स्तरीय कार्यालय स्थापित किए जाएंगे। औद्योगीकरण और शहरीकरण के चलते बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए यह कदम बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

Uttar Pradesh: इस तरह से होगा नियंत्रण

इस कार्ययोजना के तहत ठोस अपशिष्ट, तरल अपशिष्ट, खतरनाक अपशिष्ट, ई-वेस्ट और बायो-मेडिकल वेस्ट जैसे विभिन्न क्षेत्रों के लिए अलग-अलग विशेष सेल गठित किए जाएंगे। साथ ही पर्यावरणीय अनुसंधान और जन-जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए भी समर्पित सेल बनाए जाएंगे। यूपीपीसीबी की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए वर्ष 2008 में निर्धारित आवेदन शुल्क संरचना में बदलाव का प्रस्ताव है। अब केवल सात श्रेणियों में शुल्क निर्धारण होगा, जो पूंजीगत निवेश और प्रदूषण के स्तर पर आधारित होगा, जिससे प्रक्रिया अधिक सरल और पारदर्शी बन सकेगी।

एआई का भी किया जा रहा इस्तेमाल

सबसे खास पहलू यह है कि Uttar Pradesh के यूपीपीसीबी की कार्यप्रणाली को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए एक अत्याधुनिक एआई आधारित पोर्टल विकसित किया जाएगा। इस पोर्टल के जरिए उद्योग इकाइयां अपनी अनुपालन रिपोर्ट स्वयं अपलोड कर सकेंगी, ई-अलर्ट की सुविधा मिलेगी और एआई तकनीक से स्वतः रिपोर्ट जांच संभव होगी। इस डिजिटल क्रांति के माध्यम से उत्तर प्रदेश में प्रदूषण नियंत्रण को एक नई गति मिलेगी और पर्यावरणीय प्रबंधन के क्षेत्र में नए अध्याय की शुरुआत होगी।

चैनल सब्सक्राइब करें : Youtube

ट्विटर पर फॉलो करें : Twitter

Watch This Video


Discover more from Noida Views

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related posts

Leave a Comment