| श्रुति नेगी :
ब्रिटेन के सांसदों ने भारत के कृषि कानूनों के बारे में एकतरफा चर्चा करी जिसके बाद भारत के विदेश मंत्रालय के सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने ब्रिटिश उच्चायुक्त से कहा की भारत के कृषि सुधार के बारे में जो चर्चा ब्रिटिश संसद में हुई वो गैर-जरुरी और पक्षपातपूर्ण थी। उसके आलावा विदेश सचिव ने स्पष्ट तोर से कही है की ये चर्चा एक लोकतांत्रिक देश की अंदरूनी मामले में सीधा दखल है। यहाँ तक की लंदन स्तिथ भारतीय उच्चायोग ने भी कड़ी प्रत्रिक्रिया करते हुए कहा की हमें बेहद अफसोस है कि एक संतुलित बहस की जगह बिना किसी सत्यता या तथ्यों के झूठे दावे किये जा रहे है।
उच्चायोग ने कहा की उससे ब्रिटिश सांसदों की चर्चा पर इस लिए बोलना पढ़ रहा है क्योंकि उस चर्चा में भारत को लेकर गलत आशंकाए बनाई जा रही है। वही जबकि ब्रिटिश सर्कार पहले ही भारत के कृषि कानून को भारत का अन्दुरुनी मामला बता चुकी है। विदेश सचिव ने ब्रिटिश अच्चयुक्त को नसीहत देते हुए कहा है की ब्रिटिश सांसदों को दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश की बातो को तोड़ मोड़ के वोट बैंक की राजनीती चाहिए।
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