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सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कपंनी Indian Oil Corporation (इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन) (आईओसी) ने शुक्रवार को कहा कि वह कम कार्बन उत्सर्जन वाले बीएस-6 मानकों के अनुकूल ईंधन की आपूर्ति एक अप्रैल से करने को तैयार है। इससे ईंधन के खुदरा कीमतों में मामूली बढ़ोतरी होगी।
आईओसी के चेयरमैन संजीव सिंह ने मुंबई में संवाददाताओं को बताया कि देश की सबसे बड़ी तेल आपूर्तिकर्ता कंपनी ने कम सल्फर वाले डीजल और पेट्रोल के उत्पादन को लेकर अपनी रिफाइनरी को उन्नत बनाने को लेकर 17,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
कीमतों में कितनी वृद्धि हुई, इस बारे में सिंह ने कहा, “एक अप्रैल से ईंधन के खुदरा दाम बढ़ेंगे जरूर लेकिन यह वृद्धि मामूली होगी। एक अप्रैल से देशभर में नए ईंधन की बिक्री शुरू होगी जिसमें सल्फर की मात्रा केवल 10 पीपीएम (पार्ट पर मिलियिन) होगी, जो अभी 50 पीपीएम है।”
हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि नए ईंधन के दाम कितने बढ़ेंगे। उन्होंने कहा, “लेकिन मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि हम ग्राहकों पर बोझ नहीं डालेंगे।”
सिंह ने कहा, “सार्वजनिक क्षेत्र की तेल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) ने अपनी रिफाइनरी को उन्नत बनाने के लिए 35,000 करोड़ रुपये निवेश किया है। इसमें से 17,000 करोड़ रुपये अकेले आईओसी ने निवेश किया है।”
इस हफ्ते की शुरुआत में, BPCL ने कहा कि इसके लिए लगभग 7,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था। ONGC द्वारा संचालित HPCL ने अभी तक BS-6 ईंधन आपूर्ति के बारे में इसका खुलासा नहीं किया है कि वह कितनी तैयार है।
HPCL ने कहा था कि वह 26-27 फरवरी से BS-6 ईंधन के साथ तैयार है और यह 1 मार्च से केवल नए ईंधन की बिक्री करेगा।
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