भारत : केन्द्र सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ होने वाले हमलों और उत्पीड़न को रोकने के लिए अध्यादेश लेकर आई है। अध्यादेश के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति मेडिकल कर्मचारियों के साथ हिंसा करने का दोषी पाया जाता है तो उसे 6 महीने से 7 साल तक की सजा हो सकती है। इतना ही नहीं दो लाख रुपए तक आर्थिक दंड देने का भी प्रावधान किया गया है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि मेडिकल कर्मचारियों पर हमलों को बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनकी सुरक्षा के लिए सरकार पूरा संरक्षण देने वाला अध्यादेश जारी करेगी। प्रधानमंत्री के हस्ताक्षर के बाद ये तुरंत प्रभाव से जारी होगा। उन्होंने कहा कि महामारी कानून में कैबिनेट ने बदलाव किया। इस अपराध को गैरजमानती बनाया गया।
यह अध्यादेश गैर जमानती बनाया हे। 30 दिन में चार्जशीट। एक साल में फैसला। मेडिकल टीम पर हमला करने पर 3 महीने से 5 साल की सजा और 50,000 से 2 लाख रुपए तक का जुर्माना होगा। अगर गंभीर नुकसान हुआ है तो 6 महीने से 7 साल की सजा का प्रावधान और जुर्माना 1 लाख से 5 लाख रुपए है।
केंद्रीय मंत्री का कहा कि अगर स्वास्थ्य कर्मियों के वाहनों या क्लीनिकों को नुकसान पहुंचाया गया तो अपराधियों से क्षतिग्रस्त की गई संपत्ति का बाजार मूल्य से दोगुना दाम मुआवजे के रूप में वसूला जाएगा। साथ ही उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी कि फ्लाइट ऑपरेशनों को फिर से शुरू करने पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जैसे ही ये फिर से शुरू होंगी इनकी अनाउसमेंट कर दी जाएगी।
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