कोरोना दानव का अंत निकट

“वायरस के विरुद्ध लड़ाई में वायरस मददगार साबित हो रहा है”

आर्य सागर खारी : प्रत्येक आशावादी व्यक्ति की तरह अपना भी यही उद्घोष है “महामारी हारेगी, ईश्वर प्रदत बुद्धि बल से इंसानी मेधा जीतेगी| दुनिया के 2 दर्जन से अधिक शीर्ष वैज्ञानिक संस्थान 92 से अधिक कोरोना वैक्सीन पर अनुसंधान कर रहे हैं |
आज दुनिया की निगाहें Britain Oxford university vaccinology संस्थान पर दिनभर टिकी रही | पिछले 3 महीने से इस संस्थान के 4 वैज्ञानिक कोरोना वैक्सीन पर काम कर रहे थे जिनमें दो महिलाएं शामिल थी|

संयोग से क्लिनिकल ट्रायल के तौर पर पहले दो टीके महिलाओं में ही लगाए हैं | वैक्सीन कोई दवाई नहीं होती बल्कि रोगों के लिए जिम्मेदार virus bacteria का ही मृत प्राय घोल होता है जो हुमन बॉडी में इंजेक्ट कर दिया जाता है जिससे बॉडी उस बैक्टीरिया वायरस के विरुद्ध प्रतिरक्षा हासिल कर ले… एंटीबॉडी, टी सेल की सेना तैयार कर ले |
लेकिन आज जो वैक्सीन ट्रायल के तौर पर इस्तेमाल की गई है उसमें ऐसा क्या खास है? जिससे इसके सफल होने की संभावना 80% से अधिक बताई जा रही है |
पिछले दो महीनों से अपने देश में बच्चा बच्चा कोरोना की संरचना से वाकिफ हो गया है कोरोना बोले तो एक गोल गेंद पर उगे हुए लाल कांटे| यह लाल कांटे ही स्पाइक प्रोटीन है जिन्हें S प्रोटीन कहां जाता है जो मानव कोशिकाओं में सुराख कर वायरस को घुसने में मदद करती हैं…|
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस की इन्हीं कांटो को बनाने वाले जीन को कोरोनावायरस से निकालकर चिंपैंजी एडिनोवायरस के अंदर डाल दिया. चिंपैंजी एडिनोवायरस चिंपैंजी के शरीर से प्रकृति में आया है जो मनुष्य में साधारण जुकाम के लिए जिम्मेदार होता है corona जितना खतरनाक नहीं होता इसी कारण इसे चुना गया है इस वैक्सीन के लिए|
इस वैक्सीन में हम कह सकते हैं डेढ़ virus का इस्तेमाल किया गया है पूरे चिंपैंजी एडिनोवायरस आधे कोरोनावायरस का… नतीजा यह होता है एक ऐसे वायरस का जन्म होता है जब बाहर से कोरोनावायरस जैसा अंदर से चिंपैंजी एडिनोवायरस है.. अब जैसे ही वैक्सीन के माध्यम से यह शरीर में जाएगा शरीर संक्रमण को बढ़ाने वाली वायरस के लाल कांटे स्पाइक प्रोटीन को नष्ट करने के लिए एंटीबॉडी विकसित कर लेगा |
जब वैक्सीन लगे हुए इंसान के शरीर में निकट भविष्य में असली कोरोनावायरस आएगा शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र उसे पलक झपकते ही खत्म कर देगा |
यह वैक्सीन कितनी कारगर होगी यह भविष्य के गर्भ में छुपा हुआ है सितंबर तक संस्थान 1000000 टीके बनाने का दावा कर रहा है | एक और आश्चर्य की बात है जितना corona का संक्रमण सबसे कम होगा इस टीके की पोटेंसी अर्थात यह काम कर रहा है या नहीं जानने की संभावना उतनी ही कम हो जाएगी जितना संक्रमण अधिक होगा उसकी सफलता के बारे में उतनी ही जल्दी पता चल पाएगा |
हम कह सकते हैं मेधावी मनुष्य प्रयोगशाला में दिन रात एक कर रहा है | अफवाह फैलाने वाले अफवाह फैला रहे हैं चुनौती पर काम करने वाले इस चुनौती को भलीभांति स्वीकार कर रहे हैं | मनुष्य ना अकेले सुखी हो सकता है ना दुखी हो सकता है संक्रमण वायरस से मिला निजात भी एक वायरस की मदद से ही मिल रही है|
भगवान ने बड़ी ही रहस्यमय रोमांच से युक्त जगत रचना की है |


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