भुवनेश्वर। ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पीके जेना ने बताया कि आईएमडी से मिली जानकारी के अनुसार दक्षिण अंडमान सागर और उसके आस-पास के क्षेत्रों के आसपास एक चक्रवाती परिसंचरण विकसित हुआ है। इसके लो प्रेशर एरिया में तब्दील होने की संभावना है। कम दबाव के प्रभाव से राज्य के कई जिलों में बारिश हो रही है। इसके विकसित होने के बाद इसकी तीव्रता का अनुमान लगाना आसान होगा। जेना ने कहा एहतियात के तौर पर ओडिशा के मलकानगिरी से मयूरभंज तक के 18 जिलों के कलेक्टरों को अलर्ट रहने को कहा गया है। बंगाल की खाड़ी में संभावित चक्रवात के कारण, 17 एनडीआरएफ, 20 ओडीआरएएफ और अग्निशमन सेवा विभाग की 175 टीमें जरूरत पड़ने पर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
गौरतलब है कि 6 मई को यह कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील होगा जबकि 8 मई को यह गहरे दबाव में तब्दील जाएगा। इसके बाद यह चक्रवात में तब्दील होता है या नहीं उस संदर्भ में स्पष्ट जानकारी मिलेगी। यह जानकारी गुरुवार को आईएमडी डीजी मृत्युंजय महापात्र ने दी है। उन्होंने कहा है कि इस समय के दौरान समुद्र अशांत रहेगा, जिससे मछुआरों को समुद्र में ना जाने की हिदायत दी गई है। आज से तटीय जिलों में 40 से 50 किमी. की रफ्तार से हवा चलेगी जबकि 8 तारीख से हवा की गति बढ़कर 55 से 65 किमी तक पहुंच जाएगी।
लोगों की सुरक्षा के लिए खास इंतजाम
राज्य के 18 संवेदनशील जिलों में आपातकालीन कार्यालयों और नियंत्रण कक्षों को 24 घंटे खोले रखने का आदेश दिया गया है। खतरे वाले स्थानों से लोगों को स्थानांतरित करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। विशेष तौर से कच्चे घरों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के लिए कहा गया है। वहीं विशेष राहत आयुक्त ने स्थानीय बीडीओ और तहसीलदार को बाढ़ आश्रय स्थल का निरीक्षण करने के साथ ही सुरक्षित स्थान या पक्के मकान की पहचान कर आश्रय स्थल बनानके के लिए कहा है। प्रत्येक आश्रय स्थल में लोगों की मदद के लिए आशा कार्यकर्ता या शिक्षक, आरक्षक या होमगार्ड जिनमें दो पुरुष व एक महिला को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इन आश्रय स्थलों में ये लोग पानी, शौचालय, लाइट, जनरेटर आदि की व्यवस्था है या नहीं, इसका निरीक्षण करेंगे।
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