जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान में सेना को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के समीप सेना के प्रतिष्ठानों पर हमला करने के मिशन पर निकला एक आतंकी सेना के हाथ लग गया। 21 अगस्त को राजौरी में एलओसी के पास मुठभेड़ में घायल हुए आतंकवादी पर ब्रिगेडियर कपिल राणा ने कहा कि तबरक हुसैन पाकिस्तान के कब्जे़ वाले कश्मीर का निवासी है। वह 2 पूरी तरह से सशस्त्र आतंकवादियों का नेतृत्व कर रहा था। जो उसके पीछे इंतजार कर रहे थे लेकिन भागने में कामयाब रहे। तबरक हुसैन एक अनुभवी आतंकवादी गाइड है।
तबरक हुसैन को 2016 में उसके भाई के साथ भी गिरफ़्तार किया गया था, जिसे नवंबर 2017 में रिहा किया गया था। तबरक हुसैन का वर्तमान में रजौरी में इलाज हो रहा है, उसे गोली लगी है। 21 अगस्त को तबारक हुसैन को लाया गया था। उसके पैर और कंधे पर गोली लगी थी। उसकी हालत नाजुक थी। अब उसकी हालत स्थिर है। इसे रिकवर होने में अभी भी कई हफ्ते लग सकते हैं। हमारे पास जो भी आता है, वो मरीज है, हमारा काम मरीज की जान बचाना है हमने वही किया है।
21 अगस्त को राजौरी के नौशेरा सेक्टर में एलओसी के पास मुठभेड़ में पकड़े गए आतंकवादी तबारक हुसैन ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि हम 4-5 लोग थे। पाकिस्तानी सेना के कर्नल यूनुस ने हमें भेजा था। उन्होंने हमें पैसे दिए थे। हमें भारतीय सेना की 1-2 पोस्ट पर हमला करने को कहा गया था। फिदायीन आत्मघाती हमलावर तबारक हुसैन ने कहा कि उसे पाकिस्तानी सेना के कर्नल यूनुस ने भारतीय सेना पर लगभग 30,000 रुपये में हमला करने का काम सौंपा था। मैं, 4-5 अन्य लोगों के साथ, पाकिस्तानी सेना के कर्नल यूनुस द्वारा भेजे गए एक आत्मघाती मिशन पर यहां आया था। उसने मुझे भारतीय सेना को निशाना बनाने के लिए 30,000 रुपये दिए।
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