गाजियाबाद। 6 साल की बच्ची ने ममेरी बहन को न्याय दिलाने के लिए छह महीने तक कोर्ट के चक्कर लगाए। मजिस्ट्रेट के सामने बेझिझक होकर बयान दिए। बिना डरे अपने बयानों पर वह टिकी रही। बच्ची के मन में ममेरी बहन को न्याय दिलाने की इच्छा थी। शुरुआत में तो पुलिस को भी लगा था कि छह साल की बच्ची कैसे बयान देगी। बच्ची के घबराने की भी चिंता थी, लेकिन बच्ची के जज्बे को देखकर सब हैरान रहे। अधिकांश केस बच्ची के बयानों पर ही टिका रहा। बच्ची द्वारा सीआरपीसी 161 व 164 के तहत दिए बयान आरोपित को सजा दिलाने में मददगार साबित हुए।
बच्ची पर भी थी आरोपित की गंदी नजर
मामले के विवेचक मोदीनगर के तत्कालीन एसएचओ योगेंद्र सिंह बताते हैं कि मृतका की ममेरी बहन छह वर्षीय बच्ची ही घटनाक्रम की प्रत्यक्षदर्शी थी। आरोपित उसे भी दुष्कर्म के इरादे से लेकर गया था, लेकिन बच्ची वहां से भाग आई थी। वह रोते हुए आरोपित की दरिंदगी के बारे में बताती थी। बच्ची मूलरूप से लोनी थानाक्षेत्र की रहने वाली है। यहां मोदीनगर के एक गांव में अपने नाना के यहां रहती है।
अगस्त 2022 में जन्माष्टमी के दिन ममेरी बहन के साथ घर के पास अपने दोस्तों के साथ खेल रही थी। जब आरोपित उन्हें अपने साथ लेकर गया तो दोस्तों ने उसे देखा। पुलिस ने इन दोस्तों को भी गवाह बनाया था। कुछ महीने पहले गांव में चर्चा थी कि गवाहों को अपने बयान से मुकरने का दबाव बनाया जा रहा है। मामले में कुछ लोग फैसला कराना चाहते हैं, लेकिन बयान से मुकरने से सभी ने मना कर दिया।
पीड़ा से चीखते हुए बच्ची ने खींचे थे आराेपित के बाल
आरोपित खेत में बयान देने वाली बच्ची की 9 साल की बहन की अस्मत लूट रहा था। वह पीड़ा से चीख रही थी, लेकिन उसकी आवाज खेतों में ही दबी रही। पीड़ा में मासूम ने बचने के लिए आरोपित के बालों को खींचा। बाल टूटकर मासूम की मुट्ठी में फंस गए। आरोपित के हाथ पर नाखून भी मारे, लेकिन उसे पीड़िता पर दया नहीं आई। पुलिस ने इन बालों और नाखून के नमूनों को फोरेंसिक जांच के लिए लैब भेजा था।
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