ग्रेटर नोएडा।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी किसानों के मामलों को निपटाने पर जोर दे रही हैं और इसका असर होता भी नजर आ रहा है। लेकिन कुछ अधिकारी अपने भ्रष्टाचारी व्यवहार से बाज नहीं आते हैं। खैरपुर गुर्जर के निवासी सुमित कुमार ने पत्र लिखकर यह आरोप लगाए हैं कि खैरपुर गुर्जर ग्रेटर नोएडा के खसरा संख्या 594 में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की सर्वे रिपोर्ट पत्रांक संख्या 16 जिसकी पुष्टि अपर जिलाधिकारी भू अध्यापति कार्यालय गौतम बुध नगर द्वारा भी की गई थी। उसमें कहा गया था कि खसरा संख्या 594 में कोई आबादी नहीं थी न ही कोई निर्माण था। परंतु ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन अधिकारियों ने फर्जी तरीके से खसरा नंबर 594 में 0.3200 हेक्टेयर कृषि भूमि आबादी के नाम पर छोड़ दी। जबकि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने इस खसरा संख्या पर आबादी भूखंड आवंटित किए हैं। उनमें से अधिकांश की रजिस्ट्री और अधिकांश प्लाटों का डेवलपमेंट चार्ज जमा हो चुका है।
शिकायतकर्ता का कहना है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के प्रोजेक्ट विभाग का एक टेक्निकल सुपरवाइजर ने खसरा नंबर 594 में अवैध निर्माण करा दिया था। साथ ही शिकायतकर्ता ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी से खसरा नंबर 594 में आबादी के नाम पर छोड़ी गई भूमि को निरस्त करने के लिए कहां है। जिस किसानों के यहाँ आबादी भूखंड लगे है उनको कब्ज़ा नहीं दिला पा रहा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण। पीड़ित किसान बहुत बार अधिकारियों से मिलकर बोल चुके है लेकिन कोई भी अधिकारी कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं है। जब प्राधिकरण किसानों को आबादी भूखंड पर भी कब्जा नहीं दिला पा रहा है तो अवैध निर्माण को कैसे रोके।