पवन की ‘शक्ति’ से रोशन होंगी नोएडा की सड़कें, विंड एनर्जी की सहायता से जलेंगी स्‍ट्रीट लाइट

नोएडा। सड़क के बीच में और किनारे में लगी स्ट्रीट लाइट को जलाने के लिए अब हवा का प्रयोग किया जाएगा। देश में पहली बार नोएडा में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पवन शक्ति यानी विंड एनर्जी की सहायता से जलने वाली स्ट्रीट लाइट लगाई जाएंगी।
सड़क के बीच में और किनारे में लगने वाली इन विशेष प्रकार की स्ट्रीट लाइट के खंभे पर टरबाइन लगी होगी, जो वाहनों के गुजरने से चलने वाली हवा की मदद से घूमेगी। इस टरबाइन के घूमने से बिजली पैदा होगी, जिसे बैटरी में स्टोर किया जाएगा।
दिनभर में वाहनों के गुजरने से चार्ज होने वाली बैटरी रात भर स्ट्रीट लाइट को चालू रखेगी। यह टरबाइन जमीन से तीन फीट से लेकर 18 फीट की ऊंचाई पर कहीं भी लगाई जा सकती है। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों का दावा है कि अब तक देश में कहीं भी पवन शक्ति से चलने वाली स्ट्रीट लाइट का प्रयोग सड़कों पर नहीं किया जा रहा है।
पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसे नोएडा प्राधिकरण द्वारा लगवाया जाएगा। इसके लिए प्राधिकरण कोई पैसा खर्च नहीं करेगा। कई कंपनियों से इस बारे में बात की गई है। अलग-अलग स्थानों पर कई स्ट्रीट लाइट ट्रायल के तौर पर लगाई जाएंगी।
कुछ दिन ट्रायल किए जाने के बाद सामने आने वाले नतीजों के आधार पर आगे की रणनीति तय की जाएगी। सौर ऊर्जा से संचालित होने वाली स्ट्रीट लाइट बरसात और सर्दियों के दिनों में ठीक से काम नहीं करती हैं, लेकिन पवन शक्ति से चलने वाली स्ट्रीट लाइट हर मौसम में काम करने में अधिक कारगर हैं।
एक टरबाइन से जलेंगी कई स्ट्रीट लाइट
स्ट्रीट लाइट में लगाई जाने वाली टरबाइन की क्षमता 200 वाट से लेकर 2000 वाट तक होगी। इसके जरिये बनाई गई बिजली का प्रयोग 12 वाट से लेकर 1500 वाट तक के उपकरण चलाने में किया जा सकता है। ऐसे में एक स्ट्रीट लाइट पर लगी टरबाइन कई स्ट्रीट लाइट को जलाने के लिए प्रयोग की जा सकती है। टरबाइन को घूमने के लिए हवा की गति 5 से 25 मीटर प्रति सेकेंड तक होनी चाहिए। जो वाहनों के गुजरने से आसानी से उपलब्ध होती है।
छह से आठ हजार रुपये है खर्च
सामान्य तौर पर लगने वाली सौर ऊर्जा से संचालित स्ट्रीट लाइट के मुकाबले विंड टरबाइन युक्त स्ट्रीट लाइट की कीमत करीब छह से आठ हजार रुपये अधिक है। इसमें सौर ऊर्जा का प्रयोग होने के साथ ही पवन शक्ति का भी प्रयोग किया जा सकेगा। एक टरबाइन के रखरखाव व मरम्मत कार्य पर करीब 400 रुपये प्रतिवर्ष का खर्च आता है।

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