- एसीएस ने प्रदूषण का हाल जानने को नोएडा-ग्रेनो का लिया जायजा
- सभी संबंधित विभागों की बैठक कर प्रदूषण को रोकने के दिए निर्देश
ग्रेटर नोएडा। कपिल चौधरी
वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए अपर मुख्य सचिव पर्यावरण मनोज सिंह ने रविवार को नोएडा- ग्रेटर नोएडा के अलग-अलग जगह का दौरा किया और सभी संबंधित विभागों के साथ बैठक कर प्रदूषण रोकने के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने सबसे पहले शारदा विश्वविद्यालय के आसपास के एरिया का जायजा लिया। उनके साथ जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ मेधा रूपम, एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग, ओएसडी हिमांशु वर्मा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नोएडा के क्षेत्राधिकारी उत्सव शर्मा, ग्रेटर नोएडा के क्षेत्राधिकारी डीके गुप्ता सहित कई अधिकारीगण शामिल रहे। निरीक्षण के दौरान अपर मुख्य सचिव ने नॉलेज पार्क एरिया में सड़कों पर धूल मिलने पर तत्काल सफाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने शारदा विश्वविद्यालय के गेट पर ट्रैफिक की समस्या का तत्काल समाधान करने और ट्रैफिक जाम न लगने देने के निर्देश दिए। इसके बाद अपर मुख्य सचिव यूपीसीडा के साइट बी व सी के अलग-अलग जगहों पर जायजा लिया। उन्होंने डीएफसीसी के निर्माणाधीन साइट को देखा।
ग्रेटर नोएडा के 130 मी रोड पर सेतु निगम के निर्माण कार्यों का भी जायजा लिया। इसके बाद अपर मुख्य सचिव ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के दफ्तर में सीईओ एनजी रवि कुमार, एसीईओ मेधा रूपम, एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग, ओएसडी हिमांशु वर्मा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नोएडा के क्षेत्राधिकारी उत्सव शर्मा, नोएडा के क्षेत्राधिकारी डीके गुप्ता व सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की, जिसमें नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अलावा जिला प्रशासन, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी गण व अन्य विभागीय अधिकारी भी शामिल रहे। समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव ने प्रदूषण को रोकने के लिए सड़कों के किनारे धूल की तत्काल सफाई कराने, कंस्ट्रक्शन साइटों पर पानी का छिड़काव करने और सड़कों के किनारे हरी-भरी घास लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने बड़े पैमाने पर पौधरोपण करने और घास की कटाई न करने को भी कहा। एसीईओ ने सभी सभी विभागीय अधिकारियों को निरंतर फील्ड में रहने और प्रदूषण पर नजर रखने के निर्देश दिए । उन्होंने सभी तरह के निर्माण कार्यों पर तत्काल रोकने को कहा है। अपर मुख्य सचिव ने कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए।