ग्रेनो प्राधिकरण का साफ संदेश नाजायज मांगे नहीं मानी जाएगी, अधिकांश मांगे मानने के बाद भी सफाईकर्मी हड़ताल की जिद पर अड़े

  • सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए ग्रेनो प्राधिकरण उठाएगा सख्त कदम
  • हड़ताल पर गए कर्मचारियों की जगह नए स्टाफ को नियुक्त करने के निर्देश
  • सफाई कर्मियों की हड़ताल अवैध घोषित, ’काम नहीं तो पैसा नहीं’ का भी निर्णय

ग्रेटर नोएडा। कपिल चौधरी

ग्रेटर नोएडा में कॉन्ट्रैक्टरों के अधीन कार्यरत सफाईकर्मी विगत 10 दिनों से हड़ताल पर हैं। प्राधिकरण ने उनकी कई मांगों को मान लिया है और शेष मांगों पर निर्णय के लिए समिति बना दी है, फिर भी वे हड़ताल खत्म नहीं कर रहे। ऐसे में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए ग्रेनो प्राधिकरण ने अब सख्ती करने का फैसला किया है। प्राधिकरण ने संबंधित फर्मों से हड़ताल पर गए सफाईकर्मियों की जगह नए स्टाफ की नियुक्ति तत्काल करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही प्राधिकरण ने चेतावनी दी है कि सफाईकर्मी जिस अवधि में काम नहीं करेंगे, उस अवधि का वेतन भुगतान नहीं किया जाएगा। हड़ताली सफाईकर्मियों के साथ शुक्रवार को भी बैठक की गई, जिसमें सफाई कर्मियों की शेष मांगों पर निर्णय करने के लिए कमेटी की बैठक शीघ्र कराने का आश्वासन प्राधिकरण की तरफ से दिया गया।

दरअसल सफाईकर्मी दीपावली पर्व से पहले से ही हड़ताल पर चले गए। इन सफाई कर्मियों की मुख्य मांग लगभग 20 हजार रुपये मासिक वेतन की है। वर्तमान समय में इन सफाई कर्मियों को 17170 रुपये प्रतिमाह वेतन दिया जा रहा है, जबकि यमुना प्राधिकरण एरिया में भी इसी माह वेतन वृद्धि कर लगभग 17000 रुपये मासिक वेतन का भुगतान किया जा रहा है। टेंडर की शर्तों के मुताबिक निर्धारित समयावधि में वेतन में हर दो साल में पांच फीसदी की वृद्धि का प्रावधान पहले से ही है। प्राधिकरण ने आश्वस्त किया है कि टेंडर में निर्धारित समय पर वेतन वृद्धि कर दी जाएगी। सफाई कर्मियों की दूसरी मांग बोनस के भुगतान की थी। प्राधिकरण ने विगत वर्ष की भांति ही दिवाली से पहले बोनस का भुगतान कर दिया है। तीसरी मांग बीमा को लेकर है। सफाई कर्मियों का कहना है कि किसी भी सफाईकर्मी की किसी भी परिस्थिति में मृत्यु होने पर भी 10 लाख रुपये बीमा राशि दिलाई जाए, जबकि ऑन ड्यूटी दुर्घटना में मृत्यु होने पर 10 लाख का बीमा का प्रावधान पूर्व से ही किया जा चुका है। इसके बावजूद सफाई कर्मियों की वेतन व बोनस में वृद्धि समेत अन्य मांगों पर विचार करने के लिए प्राधिकरण की तरफ से समिति गठित कर दी गई है। उसकी रिपोर्ट पर निर्णय लिया जाएगा। इसके बावजूद सफाईकर्मी हड़ताल खत्म करने को तैयार नहीं हो रहे।
प्राधिकरण के सीनियर अधिकारियों के स्तर से कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है। प्राधिकरण की तरफ से आश्वस्त किया गया है, लेकिन सफाईकर्मी अपने जिद पर अड़े हैं। अब तक कॉन्ट्रैक्टर अस्थाई रूप से स्टाफ बढ़ाकर काम चलाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन अब प्राधिकरण ने कॉन्ट्रैक्टरों से स्थाई स्टाफ की तैनाती करने के निर्देश दिए हैं।

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