ग्रेटर नोएडा। कपिल चौधरी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में पिछले दिनों प्रोजेक्ट विभाग के टेक्निकल सुपरवाइजर के एक वर्क सर्किल से दूसरे वर्क सर्किल में ट्रांसफर किए गए। यह एक अच्छा कदम था प्राधिकरण का। लेकिन उद्यान विभाग, स्वास्थ्य विभाग, बिजली विभाग, जल विभाग आदि में टेक्निकल सुपरवाइजर के ट्रांसफर नहीं किए गए हैं। जबकि उनके ट्रांसफर करने भी इतने ही महत्वपूर्ण है जीतने की प्रोजेक्ट विभाग के टेक्निकल सुपरवाइजर के थे इसी तरह अन्य विभागों में भी सालों से एक ही विभाग में जमे हुए बाबू के ट्रांसफर भी होने चाहिए।
उद्यान विभाग के टेक्निकल सुपरवाइजर और असिस्टेंट मैनेजर कर रहे खेल
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार उद्यान विभाग मे एक बड़ा खेल चल रहा है टेंडर को मैनेज करने का और इस खेल में उद्यान विभाग के ही टेक्निकल सुपरवाइजर और असिस्टेंट मैनेजर ठेकेदारों के साथ गठ जोड़कर के टेंडर को मैनेज कर रहे हैं। टेंडर की बंदर बाट की जा रही है बिना कागजों को सत्यापित कराये फर्म के नाम टेंडर खोले जा रहे हैं। अपने चहेतों को दिलवाए जा रहे है।
टेंडर मैनेज करने के लिए जाते हैं 5% लिया जाता है
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि टेंडर को मैनेज करने के नाम पर टेंडर अमाउंट का 5% हिस्सा लिया जाता है। साथ ही यह भी बताया जाता है कि उद्यान विभाग के कर्मचारियों की टेंडर में हिस्सेदारी भी है।
सूत्रों के हवाले से मिल रही है जानकारी के अनुसार यह खेल पिछले काफी समय से चल रहा है और प्राधिकरण को बड़े स्तर पर आर्थिक हानि पहुंचाई जा रही है इस घोटाले की जांच होनी चाहिए और जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और जब तक जांच चल संबंधित कर्मचारी और अधिकारियों को इस कार्य से हटाया जाए।
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