ग्रेटर नोएडा। कपिल चौधरी
एक बार सुप्रीम कोर्ट ने प्राधिकरणों के लिए कहा था इनके आंख नाक कान से भ्रष्टाचार टपकता है। प्राधिकरण में पिछले लगभग एक वर्ष से भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की पूरी कोशिश सीनियर अधिकारियों के द्वारा की जा रही है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मौजूदा सीईओ एनजी रवि कुमार ने पिछले वर्ष जब ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सीईओ का पद संभाला था तो उन्होंने कहा था कि भ्रष्टाचार बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पिछले एक वर्ष में मजबूती से भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई भी की गई। लेकिन अभी भी गुंजाइश है भ्रष्टाचार जमा हुआ है क्योंकि कुछ लोगों की रगों में ही भ्रष्टाचार जम चुका है उसे मिटाने में थोड़ा तो समय लगेगा। उम्मीद करते हैं कि उसे पर भी जल्द कार्रवाई होगी।
उद्यान विभाग में ठेकेदारों के फर्जी कागज
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के उद्यान विभाग में 40 प्रतिशत से ज्यादा ठेकेदारों ने फर्जी कागजों के आधार पर टेंडर प्राप्त किए हैं। जिनमें उनकी मदद प्राधिकरण के कर्मचारियों अधिकारियों द्वारा की गई है। किसी का एक्सपीरियंस फर्जी है, किसी की बैलेंस शीट फर्जी है या कोई टेंडर के लिए पात्र ही नहीं था। लेकिन उद्यान विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की मिली भगत के कारण डंके की चोट पर भ्रष्टाचार कर टेंडर दिए गए। इनकी जांच होना बेहद जरूरी है।
नर्सरी वाले क्यों जमा नहीं करते फीस
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा फर्मों को नर्सरी के लिए जमीन अलॉट की गई है। जिसकी आवाज में प्राधिकरण को उनसे आमदनी होती है। लेकिन पिछले काफी समय से कुछ नर्सरी वाले प्राधिकरण की फीस जमा नहीं कर रहे हैं। ऐसे में उन पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है इसके पीछे के क्या कारण है जानबूझकर के प्राधिकरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
कुछ अधिकारी कर्मचारियों की है आदत बन चुकी है कि प्राधिकरण को चाहे कितना भी बड़ा नुकसान क्यों ना हो जाए। लेकिन उनकी जेबो में पैसा लगातार आता रहना चाहिए चाहे उन्हें किसी भी स्तर तक जाना पड़े।