किसान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को जमीन क्यों नहीं देना चाहते

ग्रेटर नोएडा। कपिल चौधरी

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने कुछ गांव के किसानों की भूमि रजिस्ट्री के द्वारा क्रिय करने के लिए खसरा प्रकाशित किए थे। उसमें कहा गया था कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अधिसूचित एरिया में सुनियोजित औद्योगिक विकास हेतु उद्योगों की स्थापना के लिए लैंड बैंक में वृद्धि किए जाने के लिए भूमि को आपसी सहमति के आधार पर सीधे क्रिय की कार्रवाई की जा रही है। जिसमें सेक्टर डब्लू – 5, 15, 17, 29 और खोदना खुर्द से तिलपता 60 मीटर चौड़ी रोड, ईकोटेक 16 तक पहुंच मार्ग, सैनी से बादलपुर तक, हिंडन ब्रिज नोएडा से ग्रेटर नोएडा जोड़ने वाली रोड की स्थापना के लिए भूमि की जरूरत है।

जिन खसरों का प्राधिकरण के द्वारा प्रकाशन किया गया जा रहा है वह किसान रजिस्ट्री के द्वारा प्राधिकरण को अपनी जमीन दे सकते हैं जिसकी एवज में प्राधिकरण उन्हें मुआवजे के तौर पर 4125 रुपए प्रति वर्ग मीटर के पैसे देगा। लेकिन किसान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को जमीन देने के लिए तैयार नहीं है उनका कहना है कि इस रेट पर हम प्राधिकरण को अपनी जमीन नहीं दे सकते जबकि प्राइवेट में हमारी जमीनों की अच्छी कीमत मिल रही है तो फिर हम प्राधिकरण को कम पैसे में जमीन क्यों दें?

किसानों ने नए कानून को लागू करने की मांग की है किसानों का कहना है की मार्केट रेट के अनुसार मुआवजा मिले, विकसित आबादी भूखंड दिए जाएं बच्चों को रोजगार मिले तभी किसान प्राधिकरण को जमीन दे सकते हैं। किसान अपनी मांगों को लेकर के जगह-जगह पंचायतें कर रहे हैं और अपने लोगों को जागरूक करने में लगे हुए हैं किसने की मांगों को देखते हुए ऐसा ही लगता है कि अब किसान प्राधिकरण को सस्ते दामों पर जमीन की रजिस्ट्री नहीं करेगा।

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