नोएडा। दिव्यांशु ठाकुर
भट्टा पारसौल गांव, जो किसानों के विरोध के कारण चर्चा में आए था। प्लॉट पर घर बनाने का सपना 15 वर्षों बाद साकार होने वाला है। यमुना प्राधिकरण (यीडा) दिसंबर तक इन आवंटियों को पजेशन देने की योजना बना रहा है। यीडा ने किसानों की सहमति से यहां जमीन खरीद ली है। यह योजना यीडा की पहली योजना थी, जो 15 वर्षों बाद भी पूरी नहीं हो पाई थी।
भट्टा पारसौल गांव में यीडा ने सेक्टर-18 और 20 के आवासीय क्षेत्र को विकसित करने का लक्ष्य रखा था। इसके लिए 2009 में किसानों की जमीन का अधिग्रहण धारा-चार, छह और नौ के तहत किया गया। लेकिन किसानों के विरोध और मामले के न्यायालय में लंबित होने के कारण प्राधिकरण को जमीन का कब्जा नहीं मिल पाया। इस कारण 2100 आवंटियों को भुगतान करने के बावजूद पजेशन नहीं दिया जा सका।
कुछ वर्षों पहले, यीडा ने किसानों के साथ वार्ता जारी रखते हुए 800 आवंटियों को पजेशन दिलाया था। अब प्राधिकरण ने शेष 1326 प्लॉटों पर कब्जा हासिल कर लिया है और किसानों को मुआवजा देने के लिए सहमत कर लिया है। 25 जुलाई से किसानों का मुआवजा जारी किया जाएगा। यह महत्वपूर्ण है कि 2009 में योजना बनाते समय यीडा के अधिकारियों ने कार्यालय में बैठकर सैटेलाइट सर्वे किया था, जिसमें उन्होंने यह नहीं देखा कि किसानों की जमीन पर आबादी है या नहीं।
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