ग्रेटर नोएडा। दिव्यांशु ठाकुर
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों की सैलरी के लिए बजट की कमी की चिंता से बचने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्राधिकरण ने सैलरी के मद में 2000 करोड़ रुपये की फिक्स्ड डिपोजिट (एफडी) कराई है। इस एफडी से मिलने वाले ब्याज के रूप में हर महीने 13 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे, जिससे कर्मचारियों की सैलरी और ऑफिस के अन्य खर्चे आसानी से पूरे किए जा सकेंगे।
प्राधिकरण के सीईओ रवि कुमार एनजी ने बताया कि कर्मचारियों की सैलरी पर हर साल 60 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। एफडी पर मिलने वाले ब्याज से इस खर्च को आसानी से पूरा किया जा सकेगा, और प्राधिकरण आर्थिक रूप से मजबूत रहेगा। इसके अतिरिक्त, गांवों के विकास और गोशाला के लिए 700 करोड़ रुपये की एक और एफडी कराई गई है।
प्राधिकरण में वर्तमान में 2000 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी तैनात हैं, जिनमें स्थाई, डेपुटेशन (प्रतिनियुक्ति), संविदा और प्लेसमेंट के माध्यम से नियुक्त कर्मचारी शामिल हैं। स्व वित्तपोषित संस्था होने के नाते, प्राधिकरण को अपने खर्चे स्वयं वहन करने पड़ते हैं। इसलिए भविष्य में किसी प्रकार की वित्तीय समस्या से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है।
सीईओ रवि कुमार एनजी ने कहा कि इस पहल से कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित होगा और प्राधिकरण आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनेगा। 2000 करोड़ रुपये की एफडी से सालाना 156 करोड़ रुपये ब्याज के रूप में प्राप्त होंगे, जो सैलरी और अन्य आवश्यक खर्चों के लिए पर्याप्त होंगे। इस प्रकार, भविष्य में किसी प्रकार की वित्तीय समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा और प्राधिकरण के विकास के कार्य भी सुचारू रूप से चलते रहेंगे।
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