नोएडा प्राधिकरण ने महर्षि महेश योगी आश्रम से सीलिंग कानून का हवाला देकर कब्जे में ली गई जमीन को अन्य संस्थाओं को बेच दिया। इस गड़बड़ी का खुलासा तब हुआ जब शासन ने दिसंबर 2022 में ऐसे मामलों में जमीन लौटाने का आदेश जारी किया। आश्रम से जुड़ी संस्थाओं को दी गई 21.57 हेक्टेयर जमीन में से 7 हेक्टेयर भूमि बेच दी गई, जिस पर निर्माण भी हो चुका है।
प्राधिकरण द्वारा यह जानकारी फाइलों में दर्ज नहीं की गई, जिससे मामले की गंभीरता बढ़ गई। इस गड़बड़ी के कारण अब उच्चस्तरीय जांच की जा रही है। जांच के दायरे में कई अफसर शामिल हैं। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी। महर्षि आश्रम की जिन 11 संस्थाओं को जमीन लौटाई गई थी, उनमें से केवल 11 हेक्टेयर जमीन ही विवाद रहित पाई गई। मामला शासन के लिए गंभीर चुनौती बन गया है।