Noida: आम्रपाली जोडिएक सोसाइटी के फ्लैट खरीदारों को एक नई मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। बिल्डर-बायर एग्रीमेंट के तहत देरी से फ्लैट की डिलीवरी पर मिलने वाले मुआवजे को अब कोर्ट रिसीवर ने मानने से इंकार कर दिया है। इससे उन खरीदारों को बड़ा झटका लगा है, जिन्होंने इस राशि को अपने अंतिम भुगतान या रजिस्ट्री में समायोजित करवा लिया था। अब रजिस्ट्री के समय उनसे यह रकम फिर से मांगी जा रही है, जिससे उनकी आर्थिक परेशानी बढ़ गई है। आइए जानते है क्या है पूरा मामला। पूरी जानकारी के लिए खबर को अंत तक जरूर पढ़े।
Noida के इन बिल्डर पर मुआवजा एडजस्ट करने का था वादा
यह प्रोजेक्ट 2009-10 में लॉन्च हुआ था, और बिल्डर ने 2012 तक फ्लैट देने का वादा किया था, लेकिन खरीदारों को 2014 में पजेशन मिला। इस देरी की भरपाई के लिए बिल्डर ने 10 रुपये प्रति स्क्वायर फीट के हिसाब से मुआवजा देने का समझौता किया था। सुमाली कपूर और कृष्णा मुरारी अग्रवाल जैसे कई खरीदारों ने इस राशि को अंतिम भुगतान या रजिस्ट्री में एडजस्ट करवा लिया था, लेकिन अब कोर्ट रिसीवर इसे मानने से इंकार कर रहा है, जिससे Noida में फ्लैट खरीदारों पर दोहरी मार पड़ी है।
खरीदारों की शिकायत और संघर्ष
खरीदार अब इस फैसले के खिलाफ संगठित होकर आवाज उठा रहे हैं। पूर्व एओए अध्यक्ष गौरव असाती ने बताया कि उन्होंने इस मुद्दे पर कोर्ट रिसीवर से बैठक की, जिसमें खरीदारों को लिखित शिकायत देने के लिए कहा गया है। खरीदारों का कहना है कि उनके पास Noida के इन बिल्डरो से हुए समझौते की कॉपी मौजूद है, फिर भी उन्हें दोबारा भुगतान करने को कहा जा रहा है। इससे वे आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान हैं और जल्द ही इस मामले को उच्च अधिकारियों के समक्ष उठाने की तैयारी कर रहे हैं।
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