Supreme Court: दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का इलाहाबाद स्थानांतरण

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Supreme Court: सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम ने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के स्थानांतरण का निर्णय लिया है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली कॉलेजियम ने केंद्र सरकार को उनकी सिफारिशें भेजी हैं। रिपोर्ट के अनुसार, होली की छुट्टियों के दौरान उनके सरकारी आवास में भारी मात्रा में बेहिसाब नकदी मिलने के बाद यह निर्णय लिया गया। जब उनके घर में आग लगी, तब परिवार के सदस्यों ने आपातकालीन सेवाओं को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने हस्तक्षेप किया और नकदी बरामद की। इस घटनाक्रम के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय ने भी चिंता व्यक्त की, जबकि न्यायमूर्ति वर्मा ने अभी तक इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की है। जाने क्या है पूरी खबर। अधिक जानकारी के लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढे़।

Supreme Court: कपिल सिब्बल ने कही ये बात

इस प्रकरण पर न्यायिक और कानूनी समुदाय में तीखी प्रतिक्रिया देखी गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि न्यायपालिका में भ्रष्टाचार एक गंभीर मुद्दा है, जिसे लंबे समय से नजरअंदाज किया जाता रहा है। उन्होंने न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और कठोर बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। इस मामले से न्यायपालिका की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हुए हैं और इससे कानूनी संस्थाओं की विश्वसनीयता पर असर पड़ सकता है।

मुख्य न्यायधीश ने मामले पर दिखाई गंभीरता

बता दे कि सूत्रों के अनुसार,  Supreme Court के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने इस मामले को गंभीरता से लिया और पांच सदस्यीय कॉलेजियम ने सर्वसम्मति से न्यायमूर्ति वर्मा के स्थानांतरण का निर्णय लिया। इस घटनाक्रम से न्यायपालिका की निष्पक्षता और पारदर्शिता को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला न्यायपालिका में सुधारों की आवश्यकता को उजागर करता है, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।


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