Illegal Construction: दिल्ली के दयालपुर स्थित शक्ति विहार में शनिवार तड़के एक चार मंजिला इमारत के धराशायी होने से 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 11 अन्य घायल हुए। यह इमारत अनधिकृत कॉलोनी में बनी थी और इसके निर्माण में सुरक्षा मानकों की घोर अनदेखी की गई थी।म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफ दिल्ली (एमसीडी) के अधिकारियों के अनुसार, हाल ही में इमारत में किए गए रिनोवेशन कार्य के दौरान एक लोड-बेयरिंग दीवार को हटाया गया, जिसके कारण यह हादसा हुआ।
ग्रेटर नोएडा में भी Illegal Construction का खतरा
ग्रेटर नोएडा में भी अनधिकृत कॉलोनियों में बिना प्राधिकरण की मंजूरी और सुरक्षा इंतजामों के बड़े पैमाने पर इमारतें बन रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाही के कारण बिल्डर बिना नक्शा पास कराए और बुनियादी सुरक्षा मानकों को नजरअंदाज कर निर्माण कर रहे हैं।
वर्ष 2018 में ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी में एक ऐसा ही हादसा हुआ था, जिसमें पांच मंजिला इमारत ढहने से नौ लोगों की मौत हो गई थी। उस समय भी जांच में Illegal Construction और प्राधिकरण की अनदेखी सामने आई थी। इसके बावजूद, प्रशासन ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए। निर्माण विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रेटर नोएडा की अनधिकृत कॉलोनियों में बनी अधिकांश इमारतें खतरनाक हैं। बिना इंजीनियरिंग डिजाइन, खराब गुणवत्ता की सामग्री और अवैध निर्माण के कारण ये इमारतें के ढह का ख़तरा बढ़ जाता हैं।
आवश्यक कदम और जनता की माँग
अवैध निर्माणों की जांच के लिए विशेष टास्क फोर्स बनाई जाए। साथ ही, निर्माण से पहले नक्शा पास करने और सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य किया जाए। लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन अब भी नहीं जागा, तो भविष्य में और बड़े हादसे हो सकते हैं।
दयालपुर और शाहबेरी जैसे हादसे प्रशासन और प्राधिकरण की लापरवाही को उजागर करते हैं। इन त्रासदियों में बेकसूर लोगों की जान जा रही है, लेकिन जिम्मेदारों पर कार्रवाई का अभाव निराशाजनक है। क्या प्रशासन अब जागेगा और Illegal Construction पर लगाम लगाएगा, या यह सिलसिला यूँ ही चलता रहेगा? यह सवाल हर नागरिक के मन में है।
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