ग्रेटर नोएडा। दिव्यांशु ठाकुर
ग्रेटर नोएडा के प्रशासनिक दावों की खोज में, हाल ही में हुई तेज बारिश ने शहर की असलियत को सामने लाया है। यह बारिश न केवल ग्रेटर नोएडा को दुखद अनुभव से गुजारने पर मजबूर किया है, बल्कि उसने भी साबित किया है कि प्राधिकरण के विकास कार्यों में बड़ी कमी है।
इस बारिश ने शहर के कई हिस्सों में बाढ़ का सामना करने को मजबूर किया। सड़कों पर पानी भर जाने से नागरिकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा, जैसे कि वाहनों के डूबना और आम लोगों के लिए सुरक्षा संकट। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें दिखा रहा है कि नगर निगम के अधिकारी का कार्यालय खुद बारिश के पानी में डूबा हुआ है। यह चित्र शहर के विकास और प्रबंधन की जटिलताओं को साफ़ दिखाता है।
जनता में इस घटना के प्रति नाराजगी बढ़ रही है। उनका कहना है कि यदि यहां के अधिकारी भी इस तरह के समस्याओं को दूर नहीं कर सकते, तो बाकी शहर की स्थिति क्या होगी। इस घटना ने व्यापक चिंता की बात की है कि शहर के विकास में सावधानी और जिम्मेदारी की जरूरत है।
इस दौरान, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को अपने विकास योजनाओं और प्रबंधन में सुधार करने की जरूरत है। बरसाती मौसम में उन्हें अधिक उत्तरदायीत्वपूर्ण और प्रागतिशील प्रक्रियाओं को अपनाने की आवश्यकता है ताकि आम जनता को इस तरह की समस्याओं से निपटने में मदद मिल सके।
Discover more from Noida Views
Subscribe to get the latest posts sent to your email.