नोएडा। दिव्यांशु ठाकुर
करोल बाग की तंग गलियों में हजारों अवैध कारखाने हैं, जिनमें रामपुर के खाता नगर गांव के कई लोग काम करते हैं। इन्हीं में से एक 12 वर्षीय अमन था, जो काम सीखने के लिए दिल्ली आया था। उसके पिता की पहले ही मौत हो चुकी थी, और परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी। अपनी मां महफूजा और छोटी बहन की जिम्मेदारी निभाने के लिए अमन अपने मामा उवैश के साथ दिल्ली आ गया था। उसने अपनी मां को भरोसा दिलाया था कि वह मेहनत से काम सीखेगा और घर की आर्थिक स्थिति सुधारेगा। लेकिन करोल बाग में एक इमारत गिरने के हादसे में उसकी दर्दनाक मौत हो गई।
इस हादसे में मुकीम और मुजीब नामक दो भाइयों की भी मौत हो गई, जो अपने बड़े भाई के साथ यहां काम कर रहे थे। हादसे के वक्त मुकीम का तीसरा भाई मलबे से उन्हें बचाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन दोनों भाइयों की अस्पताल में मौत हो गई। इसी तरह, मोहसिन नामक युवक भी अपने दो भाइयों के साथ तीसरी मंजिल पर था, लेकिन वह भी इस दुखद हादसे का शिकार हो गया। इस हादसे ने कई परिवारों को तबाह कर दिया है।
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