नोएडा। साक्षी चौधरी
नवरात्रि का पर्व भारतीय संस्कृति में विशेष स्थान रखता है, जिसमें मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होती है। इस दौरान महिलाओं के लिए सोलह श्रृंगार का विशेष महत्व है। यह न केवल सुंदरता बढ़ाता है, बल्कि घर में सुख-समृद्धि लाने का भी कार्य करता है। कहा जाता है कि मां दुर्गा सोलह श्रृंगार को पसंद करती हैं, और जिन महिलाएं इसे करती हैं, देवी मां उन पर अपनी कृपा बरसाती हैं।
सोलह श्रृंगार में लाल जोड़ा, बिंदी, सिंदूर, मेहंदी, काजल, मांगटीका, चूड़ियां, नथ, कान के झुमके, पायल, अंगूठी, बिछिया, मंगलसूत्र, कमरबंद जैसे 16 विशेष वस्तुएं शामिल होती हैं। प्रत्येक श्रृंगार का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। जैसे बिंदी भगवान शंकर के तीसरे नेत्र से जोड़ी जाती है, जबकि सिंदूर सौभाग्य का प्रतीक है। इसके अलावा, नवरात्रि में हर दिन अलग रंग पहनने की परंपरा भी है, जो मां दुर्गा की कृपा को आकर्षित करने में सहायक मानी जाती है। जैसे पहले दिन पीला, दूसरे दिन हरा, तीसरे दिन ग्रे और इसी तरह से अंतिम दिन जामुनी रंग पहनने की सलाह दी जाती है।
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