नोएडा। दिव्यांशु ठाकुर
जन्मदिन हो या कोई अन्य उत्सव, केक काटने की परंपरा आजकल हर जगह देखने को मिलती है। लेकिन हाल ही में कर्नाटक खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता विभाग द्वारा जारी एक रिपोर्ट ने लोगों के मन में भय उत्पन्न कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु में विभिन्न प्रकार के केक में कैंसरकारी तत्व पाए गए हैं। इससे पहले भी कई खाद्य पदार्थों में ऐसे तत्वों की मौजूदगी को लेकर चेतावनी दी जा चुकी है।
बेंगलुरु में किए गए एक परीक्षण के दौरान 12 अलग-अलग किस्म के केक में एल्यूरा रेड, सनसेट येलो एफसीएफ, पोंसो 4आर, टार्ट्राजीन और कारमोइसिन जैसे कृत्रिम रंगों की मौजूदगी का पता चला। ये सभी तत्व स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माने जाते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि विशेषकर रेड वेलवेट और ब्लैक फॉरेस्ट जैसे केक में इन रंगों का उपयोग उन्हें आकर्षक बनाने के लिए किया जाता है, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकता है।
कर्नाटक के खाद्य सुरक्षा विभाग ने बेकरियों को खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन करने की चेतावनी दी है। विभाग ने कहा है कि किसी भी ऐसे तत्व का उपयोग न किया जाए जो स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। हाल ही में कर्नाटक सरकार ने कॉटन कैंडी में उपयोग किए जाने वाले फूड कलर्स पर भी रोक लगाई थी, जिनमें रोडामाइन-बी जैसे कैंसरकारी रंग शामिल थे।
स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि ऐसे हानिकारक तत्वों का उपयोग करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि रोडामाइन-बी जैसे रंगों का उपयोग कपड़ों को रंगने के लिए किया जाता रहा है, जबकि इसके सेवन से फूड पॉइजनिंग और गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
इस स्थिति ने लोगों को अपने खान-पान के प्रति अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता को उजागर किया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का सुझाव है कि हमें खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और उनमें इस्तेमाल किए जाने वाले रंगों और तत्वों के प्रति जागरूक रहना चाहिए। इस मामले में सभी लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए ताकि उनके स्वास्थ्य पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
Discover more from Noida Views
Subscribe to get the latest posts sent to your email.