Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां स्टार्टअप्स को अपने उत्पाद का पेटेंट कराने के लिए अब कोई शुल्क नहीं देना होगा। सरकार ने यह जिम्मेदारी खुद उठाई है ताकि नवाचार को प्रोत्साहन मिल सके और युवाओं को Startup शुरू करने में किसी तरह की अड़चन का सामना न करना पड़े। पहले पेटेंट के लिए 80 हजार रुपये तक का खर्च आता था, लेकिन अब यह पूरी प्रक्रिया नि:शुल्क कर दी गई है। साथ ही प्रदेश सरकार एक और बड़ा कदम उठाते हुए नवोन्मेषी युवाओं को उनके आइडिया पर एक लाख रुपये की सहायता राशि भी देगी ताकि वह अपने विचार को प्रोटोटाइप में बदल सकें।
Uttar Pradesh: स्टार्टअप के ओर छात्रो के लिए नई पॉलिसी हुई लागू
इन बदलावों को अमल में लाने के लिए सरकार ने स्टार्टअप नीति में व्यापक सुधार किए हैं। इनोवेशन हब यूपी के प्रमुख महिप सिंह ने बताया कि छात्रों के लिए नई पॉलिसी लागू कर दी गई है, जिससे अधिक से अधिक युवा Startup की ओर आकर्षित हो सकें। कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में स्टार्टअप्स लोगों की ज़िंदगी को आसान बना रहे हैं और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में योगदान दे रहे हैं। इसके लिए युवाओं को इनोवेशन हब के पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा, जिसके बाद एक विशेषज्ञ समिति उनके आइडिया की वैधता की जांच करेगी।
अब तक इतने हज़ार स्टार्टअप्स हुए शुरु
राज्य सरकार का उद्देश्य Uttar Pradesh को देश में स्टार्टअप के क्षेत्र में शीर्ष पर पहुंचाना है। अभी तक यूपी में 13,000 से अधिक Startup स्थापित हो चुके हैं और राज्य चौथे स्थान पर है। लेकिन हालिया प्रयासों के जरिए यूपी को पहला स्थान दिलाने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। पेटेंट प्रक्रिया को पूरी तरह नि:शुल्क करना इसी कड़ी का एक अहम हिस्सा है, जिससे युवा उद्यमियों को बड़ी राहत मिलेगी और वे नवाचार के क्षेत्र में साहसिक कदम उठा सकेंगे।
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