ग्रेटर नॉएडा : देश के किसानों और मजदूरों के दिग्गज नेता रहे चौधरी बिहारी सिंह बागी का 78 साल की उम्र में रविवार को नोएडा के सेक्टर 51 में निधन हो गया। उनके निधन के बाद जिले में शोक की लहर दौड़ गई। वर्ष 1974 में कांग्रेस से टिकट न मिलने से नाराज बिहारी सिंह बागी दादरी में हुई पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की रैली में शेर लेकर पहुंच गए थे। शेर देखते ही भीड़ में अफरा-तफरी मच गई थी। पूर्व पीएम लाल बहादूर शास्त्री भी उनके अच्छे दोस्त माने जाते थे।
दादरी के रुपबास गांव में जन्मे बिहारी सिंह बागी कांग्रेसी नेता रहे थे। 1974 में उन्होंने पहली बार दादरी विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। पार्टी से टिकट न मिलने पर उन्होंने इंदिरा गांधी से नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। उस दौरान जमीन अधिग्रहण का मुद्दा अहम था। बिहारी सिंह बागी किसानों की लड़ाई के लिए प्रसिद्ध हुए। इनकी पहचान अड़ियल किसान नेता के रूप में उभरी थी।
कांग्रेस से नाराज होकर 1974 में पहली बार और 1991 में दूसरी बार बिहारी सिंह बागी चुनाव लड़े। हालांकि हार गए, लेकिन मजदूरों और किसानों के दिलों में छा गए। 1974 के चुनाव में बिहारी सिंह बागी को चुनाव आयोग की तरफ से चुनाव चिह्न शेर आवंटित किया गया।
छात्र राजनीति से एक्टिव होने वाले बिहारी सिंह बागी पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के भी अच्छे दोस्त माने जाते थे। दरअसल, उस दौरान किसान और मजदूरों आंदोलन की वजह से उनके कद से शास्त्री भी वाकिफ थे। मजदूर और किसानों की लड़ाई लड़ने और कांग्रेस से बगावत करने के साथ ही उनके नाम के पीछे बागी लग गया। उस समय ये क्षेत्र में चौधरी बिहारी सिंह के नाम से प्रसिद्ध हो गए। 1992 में किसान रैली में हिस्सा लेने जा रहे बिहारी सिंह बागी पर गोलियां भी चलवाई गई, जिसमें वे बुरी तरह घायल हो गए थे।
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