अर्जून कि छाल के हें कितने फायदे ?

आजकल की इस भाग दौड़ भरी जीवन शैली में मनुष्य का शरीर रोगों से लड़ने की ताकत खोता जा रहा है, कई प्रकार के गंभीर रोग आज मनुष्य के शरीर मे घुसने को तैयार बैठे है, तो आज हम आपको बताएंगे ऐसे पेड़ की छाल के बारे में जिसको मनुष्य के स्वस्थ के लिए वरदान माना गया है, तो आइये जानते है इसके बारे में।

बहुत गुणकारी है अर्जुन की छाल

भारत में पाया जाने वाला अर्जुन का पेड़ एक औषधीय पेड़ हैं। इसकी छाल के काफी सारे गुण है,इसकी छाल को धूप में सुखाकर उसका पाउडर बनाया जाता है। यह शीतल, हृदय को हितकारी, कसैला, क्षय, कफ तथा पित्त को नष्ट करता है। इसका मुख्य उपयोग हृदय रोग के उपचार में किया जाता है। यह हृदय रोग की महाऔषधि माना जाता है। इसका उपयोग हाई बीपी, बढ़ा हुआ कोलेस्‍ट्रॉल वा हार्ट अटैक तथा मोटापे की घातक बीमारी के लिए भी किया जाता है। इसके अलावा यह पेट दर्द, कान का दर्द, झाइयां, बुखार, श्वेतप्रदर, टीबी और खांसी में भी लाभप्रद होता है। आइए इसके स्‍वास्‍थ्‍य लाभ के बारे में जानकारी लेते हैं।

हृदय रोग में बहुत लाभकारी

दिल के रोगियों के लिए ये एक वरदान से कम नही है, इसके उपयोग से बड़े से बड़ा दिल का रोग भी ठीक हो जाता है जिन लोगों को दिल की नसों में ब्लॉकेज की शिकायत है उनके लिए तो ये रामबाण औषधि है, इसकी छाल को महीन चूर्ण कपड़े से छानकर 3-3 ग्राम (आधा छोटा चम्मच) पानी के साथ सुबह-शाम सेवन करना चाहिए। या अर्जुन की छाल को 400/500 मिली पानी में पकाये 200 मिली रहने पर गैस से उतार लें और हर रोज़ नियमित रूप से सुबह शाम 10-10 मिली ले। इससे ब्‍लड में बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रोल कम हो जायेगा, खून के धक्के साफ हो जायेंगे और एंजियोप्लास्टी की नौबत नहीं आएगी। ये सभी काम किसी विशेषज्ञ या डॉक्टर की सलाह से करे। 

डाइबिटीज का दुश्मन

इस पेड़ की छाल सिर्फ हृदय रोग में नही, डाइबिटीज के रोग में भी अभूतपूर्व काम करती है, डाइबिटीज में इसकी छाल का चूर्ण और देसी जामुन के बीजों के चूर्ण की समान मात्रा प्रतिदिन रात सोने से पहले आधा चम्मच चूर्ण गुनगुने पानी में मिलाकर लेने से बहुत फायदेमंद होता है। यह नुस्खा डायबिटीज रोगियो के लिए फायदेमंद होता है। वैसे ये सभी नुस्खे आजमाये हुए है और इनके परिणाम बहुत अच्छे और चौकाने वाले प्राप्त हुए है फिर भी हम आपको सारे नुस्खों का प्रयोग एक विशेषज्ञ की देखरेख में या डॉक्टरी सलाह अनुसार ही करे।


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