सांसों के संकट पर, उत्सव भारी!

ग्रेटर नोएडा | आर्य सागर खारी :

जीवन रक्षक मेडिकल ऑक्सीजन की कमी के हालात वर्तमान परिपेक्ष में सभी को पता है। गुजरात से ऑक्सीजन टैंकर मध्यप्रदेश के भोपाल के लिए रवाना होता है। ट्रक ड्राइवर जानता है आज उसके हाथ में सैकड़ों लोगों के जीवन की डोर है वह बेचारा रास्ते में ट्रक रोककर भोजन जलपान तो दूर लघुशंका तक नहीं करता। जैसे ही ट्रक मध्य प्रदेश की सीमा में घुसता है स्थानीय छुट भइया नेता ट्रक को जबरन रोक कर महामारी काल में अपने को मसीहा दिखाने के फितूर में ट्रक को गुब्बारे से सजाते हैं नारियल वगैरह फोड़ते हैं। ट्रक ड्राइवर मौके की नजाकत से उनको समझाता है सब अनसुना कर देते हैं।

ट्रक 2 घंटे लेट हो जाता है ड्राइवर की अटूट मेहनत समर्पण निष्ठा के बावजूद। ईश्वर का शुक्र है कोई बड़ा हादसा नहीं हो पाया ऑक्सीजन बैकअप मिल गया। क्या कहें ऐसे लोगों को? ऐसे लोग ही राष्ट्र कंटक हैं देश में स्वास्थ्य इमरजेंसी लगी हुई है सरकार घोषित करें या ना करें । हम शोक मनाए ना बनाएं शमशान कब्रिस्तान राष्ट्रीय शोक की गवाही दे रहे हैं ।
ऐसे समय में उद्घाटन उत्सव जैसी चीजें राष्ट्रीय आपात सेवाओं के संदर्भ में शोभा नहीं देती ।जब हम कोरोना महामारी को पराजित कर दें पोलियो चेचक की तरह अपने भारत माता से उसका खात्मा कर दे। अपनी एक अरब से अधिक आबादी को टीकाकरण से सुरक्षा दे जब जी भर जश्न उत्सव मना लेना। अभी तो सांसो पर ही संकट है। ईश्वर ऐसे मूर्खों नासमझो संवेदनहीनो को सद्बुद्धि दें।

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