नोएडा के नाम्ची अस्पतालो का हुआ पर्दाफाश।


नोएडा | श्रुति नेगी :

नोएडा के नाम्ची अस्पतालों में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। कोविद-19 से संक्रमण के डर के चलते अस्पतालों ने ऐसे लोगो को भी भर्ती कर रखा है जिन्हे सिर्फ होम क्वारंटाइन की जरुरत थी। अस्पतालों की इस हरकत से काफी सरे मरीज़ जिन्हे सच में अस्पताल की सेवाओं की जरुरत है जो की बहुत ही गंभीर स्तिथि में है उन्हें यहाँ तक की अस्पताल में बेड मिलना भी बहुत मुश्किल है।

इस फर्जीवाड़े की जांच के लिए जिलाधिकारी ने कुढ़ जेक इन नाम्ची अस्पतालों का दौरा किया। उन्होंने अस्पताल स्टाफ का अभिनन्दन भी किया और उनसे बातचीत करी। इस फर्जीवाड़े का सच शुक्रवार को ही बाहर आया था जिसमे पता चला की इन बड़े नाम्ची अस्पतालों में बिना जरुरत लोगो को भर्ती किया गया है। यहाँ तक की उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट वाले बेड एलॉट किये गई है इसके चलते हुए उन लोगो को इलाज नहीं मिल प् रहा है जिन्हे इलाज की सबसे ज्यादा जरूरत है। डीएम सुहास एलवाई ने डॉक्टरों की एक टीम तैयार कर सभी अस्पतालों का जाएज़ा लिया जिसके बाद बिना जरूरत बिस्तर और कमरा घेरे 200 से अदैहिक लोगो को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया।

जिला प्रशासन ने अस्पतालों को आदेश देते हुए कहा की मामूली रूप से संक्रमित मरीज़ो को भर्ती न किया जाए। इससे बेड की कमी की समस्या को काबू में लाया जाएगा। यथार्थ अस्पताल से 62 बेड, कैलाश अस्पताल से 33, शारदा अस्पताल से 15, जेपी अस्पताल से 23, फोर्टिस अस्पताल से 4, प्रकाश अस्पताल से 30, सेक्टर-39 कोविद अस्पताल से 19, इंडोगल्फ अस्पताल से 2, जेआर अस्पताल से 7, एसआरएस अस्पताल से 2, सूर्य अस्पताल से 5, और मेट्रो अस्पताल से 4 बेड खली कराए गए और मरीज़ो को होम क्वारंटाइन के लिए भेजा गया।

जानकारी के मुताबिक अस्पतालों ने ये इस लिए किया क्युकी युवा और सामान रूप से संक्रमित लोगो पर कम समय देना पढता है और एकवेरय रेट भी अधिक होता है और मृत्यु दर बेहद कम। इस सबका कारण ये भी है की लोग बिना वजह ही डर रहे है और अपनी बिना पोलिया का यूज़ करके और शिफारिश लगा कर अस्पतालों में भर्ती हो रहे है जिसके कारण जरुरत मंद लोगो को न ही उपचार मिल पा रहा है और न ही अस्पताल में बेड।

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