ग्रेटर नोएडा। कपिल तोंगड़
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में एक अलग ही खेल देखने को मिल रहा है। प्राधिकरण अधिकारी दो दो या तीन तीन कार्यालय कब्जा ने में लगे हैं। जैसे ही किसी अधिकारी का ट्रांसफर या सेवा निवृत्त होते हैं तुरंत बाद जूनियर अधिकारी उनके ऑफिस पर कब्जा कर लेता है और साथ ही अपने पुराने ऑफिस को भी अपने कब्जे में रखता है। ऐसे अनेकों उदाहरण प्राधिकरण में देखने को मिलेंगे। प्राधिकरण कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष ने भी एक से ज्यादा कार्यालय ले रखे हैं। इंडस्ट्री डिपार्टमेंट में महिला मैनेजर ने अपने कार्यालय के साथ सीनियर का कार्यालय भी कब्जा रखा है ऐसे कई ओएसडी भी है जिनके दो-दो कार्यालय हैं कुछ अधिकारिओं के दोनों बिल्डिंग में कार्यालय है। अब प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अमनदीप डुली ने आदेश किया है एक अधिकारी एक कार्यालय होगा।
एसीईओ अमनदीप डुली ने अपने लेटर में जिक्र किया है कि कुछ अधिकारी प्राधिकरण की संपत्ति को अपनी संपत्ति मानने लगे है। प्राधिकरण के कार्यालयों में रखें फर्नीचर, कंप्यूटर सिस्टम, प्रिंटर, स्केनर वह अन्य उपकरणों उनके साथ संबंधित अधिकारी कर्मचारी द्वारा अथवा अन्य अधिकारी कर्मचारी द्वारा स्वयं के उपयोग हेतु कक्ष से निकाल लिए जाते हैं ऐसे में यह प्राधिकरण की संपत्ति का नुकसान है इस तरह की कार्रवाई आपत्तिजनक है प्राधिकरण की तरफ से भी निर्देशित किया गया है। जो भी अधिकारी कार्यालय छोड़ेगा चाहे उसका ट्रांसफर हो या सेवा निवृत्त हो। उसे अपने कार्यालय के सारे सामान की लिस्ट बनाकर और ऐसेट विभाग से चेक करा कर चाबी उपलब्ध करानी होगी। उसके बाद ही अधिकारी को अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
प्राधिकरण में कार्यरत अधिकारियों द्वारा बिना किसी सक्षम अधिकारी की स्वीकृति कार्यालय में बैठना के शुरू कर दिया था। जिससे नए अधिकारियों को ऑफिस नहीं मिल पा रहे थे। अब उन्हें अपने पद के अनुसार ही कार्यालय अपने पास रखना होगा बड़े अधिकारियों के कार्यालय छोड़ने होंगे। अपनी नेमप्लेट तुरंत हटा करके चाबी ऐसेट विभाग को सौंप नहीं होगी अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
![](https://noidaviews.com/wp-content/uploads/2023/04/Untitled-1-1-1024x366.jpg)