गाजियाबाद। भूगर्भ जल का अत्यधिक दोहन कर पर्यावरण को क्षति पहुंचाने पर प्रदेश के 10 जिलों में स्थित होटल व मैरिज होम पर बड़ी कार्रवाई की गई है।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश के अनुपालन में उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने 1518 होटलों व मैरिज होम पर 158 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। आगरा में सर्वाधिक 381 होटलों व मैरिज होम पर 40 करोड़ रुपये का जुर्माना किया गया है।
एनजीटी में आरती बनाम केंद्रीय भूजल प्राधिकरण व अन्य वाद विचाराधीन हैं। गाजियाबाद की रहने वाली पर्यावरणविद आरती ने अपने शहर की स्थिति खराब होने पर 126 होटलों द्वारा भूगर्भ जल का अंधाधुंध दोहन करने पर याचिका दायर की थी।
एनजीटी ने 25 फरवरी, 2022 को केंद्रीय भूगर्भ जल आयोग, यूपीपीसीबी और जिला प्रशासन को संयुक्त समिति बनाने के निर्देश दिए। साथ ही गाजियाबाद तक मामले को सीमित न रख आगरा, लखनऊ, कानपुर, मेरठ, गौतमबुद्ध नगर, बरेली, वाराणसी, झांसी व गोरखपुर में भी बिना अनुमति के भूगर्भ जल का दोहन करने वालों पर कार्रवाई करने को कहा था।
पिछले वर्ष 16 अक्टूबर को एनजीटी ने केंद्रीय भूजल विभाग की अनापत्ति के बिना भूगर्भ जल का दोहन कर रहे होटलों व मैरिज होम पर जुर्माने का आकलन करने को कहा था।
यूपीपीसीबी ने 28 फरवरी को होटलों को भूगर्भ जल दोहन की अनापत्ति प्राप्त करने के निर्देश दिए थे। होटलों व मैरिज होम द्वारा कोई कदम नहीं उठाए जाने पर उन्हें पर्यावरण क्षतिपूर्ति जमा करने को नोटिस जारी किए गए हैं।
गाजियाबाद सहित 10 जिलों के 1,518 होटलों पर 158 करोड़ रुपये का जुर्माना, NGT के आदेश पर UPPSB ने की कार्रवाई
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