डेडलाइन पूरी, फिर भी शहर में नालों की सफाई अधूरी, कूड़े से पटे पड़े हैं नाले

गाजियाबाद। मानसून आने पर हर साल शहर में जलभराव होता है। जिस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। शासन ने इस बार 10 जून तक नालों की सफाई का कार्य पूरा करने के निर्देश दिए थे, लेकिन सात जून से 73 बड़े नालों की सफाई का कार्य शुरू होने के कारण नगर निगम ने दावा किया था कि 28 जून तक सभी नालों की सफाई करा दी जाएगी।
बुधवार को नगर निगम द्वारा तय की गई डेडलाइन भी पूरी हो गई है, लेकिन नालों की सफाई का कार्य अधूरा है। जबकि इस साल साढ़े तीन करोड़ रुपये में नालों की सफाई का टेंडर किया गया है।
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जब तय समय पर नगर निगम के अधिकारी नालों की सफाई ही नहीं करा पाए तो जलभराव होने पर उससे निजात कैसे दिला सकेंगे?
विजयनगर बाइपास स्थित नाले का हाल
विजयनगर में अंबेडकर नगर के पास से क्रासिंग रिपब्लिक की ओर जाने वाले नाले का हाल पहले से बुरा हो गया है, यहां पर नाले का पानी सड़क तक आ गया है। नाले के अंदर गंदगी है, ऐसे में वर्षा होने पर नाले का पानी सड़क पर भर जाएगा।
ऐसे में नाले और सड़क की पहचान कर पाना भी राहगीरों के लिए मुश्किल होगा, जलभराव के साथ ही हादसे का खतरा भी बढ़ जाएगा।
साहिबाबाद का बृज विहार नाला
साहिबाबाद स्थित बृज विहार के नाले की सफाई पर अब तक करोड़ों रुपये खर्च किए जा चुके हैं, मानसून आने पर हर साल इस नाले का पानी ओवरफ्लो होता है। जिससे आसपास की सोसायटियों और कालोनियों के लोगों को तो परेशानी होती ही है, सड़क पर भी नाले का पानी भर जाने के कारण राहगीरों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
विजयनगर बागू में नाले का हाल
एनएच-नौ के चौड़ीकरण के दौरान एनएचएआइ ने बागू के पास से जा रहे नाले को तोड़ दिया था, जिसे कई बार पत्र भेजने के बाद भी बनवाया नही गया है। इससे जलनिकासी नही हो पाती है, कालोनी के अंदर भी नाले की सफाई नही हुई है। नाले के अंदर कूड़ा भरा है, जिससे जलभराव का खतरा बना हुआ है।


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