सीईओ रवि कुमार एनजी का शहर वासियों को तोहफा, पहला एफओबी जनता को समर्पित

  • सांसद डॉ महेश शर्मा व दादरी विधायक ने रविवार को किया उद्घाटन
  • एक मूर्ति गोलचक्कर पर 5.39 करोड़ की लागत से हुआ तैयार

ग्रेटर नोएडा। कपिल चौधरी

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में एक मूर्ति गोलचक्कर पर पहला फुट ओवर ब्रिज बनकर तैयार हो गया है। रविवार को सांसद डॉ महेश शर्मा और विधायक तेजपाल नागर ने प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस की मौजूदगी में इसका शुभारंभ किया। रविवार शाम से ही इसे पब्लिक के लिए से खोल दिया गया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रवि कुमार एनजी के प्रयासों का ही फल है जो ग्रेटर नोएडा को पहला फुट ओवर ब्रिज मिल सका है और बहुत ही कम समय में बनाकर जनता को समर्पित कर दिया।

फुटओवर ब्रिज के शुभारंभ के मौके पर डॉ महेश शर्मा ने कहा कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट के ट्रैफिक की समस्या को दूर करने के लिए कई परियोजनाओं पर काम चल रहा है। उन्होंने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार की सराहना करते हुए कहा कि सीईओ नियमित रूप से ग्रेटर नोएडावासियों से मिलते हैं और उनकी समस्याओं को हल करते हैं। दादरी विधायक तेजपाल नागर ने कहा कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट के विकास को कोई रोक नहीं सकता। यहां के निवासियों के सभी उम्मीदों को पूरा किया जाएगा।

बता दें कि 130 मीटर चौड़ी सड़क पर एक मूर्ति गोलचक्कर के पास 5.39 करोड रुपए के लागत से रिकॉर्ड समय में तैयार हुआ है। चौराहे पर भीडभाड़ को देखते हुए पैदल चलने वालों को सड़क पार करने में दिक्कत हो रही थी, इस फुट ओवरब्रिज के बनने से यह दिक्कत खत्म हो गई है। यह फुट ओवरब्रिज विगत 15 दिसंबर को बनना शुरू हुआ है और 3 माह से भी कम समय में इसे पूरा कर दिया गया। रविवार को उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी हिमांशु वर्मा, वरिष्ठ प्रबंधक विजय बाजपेई, प्रबंधक प्रशांत समाधिया, प्रभारी प्रबंधक प्रभात शंकर समेत अधिकारी मौजूद रहे।

एक एफओबी बना, सात और जल्द बनेंगेे

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कुल 8 जगहों पर फुटओवर ब्रिज बनवा रहा है, जिसमें से एक मूर्ति गोलचक्कर पर बनकर तैयार हो गया है। बाकी 7 फुट ओवरब्रिज सूरजपुर-कासना रोड पर कैलाश अस्पताल के सामने, गामा शापिंग काॅम्प्लेक्स के सामने, ओमेगा शापिंग काॅम्प्लेक्स, दुर्गा टाॅकीज जंक्शन, कलेक्ट्रेट के सामने, निराला एस्टेट टाउनशिप के सामने और सुपरटेक इकोविलेज के सामने बनने हैं। पीपीपी के अंतर्गत डीबीएफओटी (डिजाइन, बिल्ट, फंड, आपरेट एंड ट्रांसफर) के पैटर्न पर बनने वाले इन फुटओवर ब्रिजों से प्राधिकरण को हर माह करीब नौ लाख रुपये की आमदनी भी होगी।

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