ग्रेनो को और बेहतर बनाने के लिए प्राधिकरण ने सीआरआरआई के साथ किया एमओयू

  • सीआरआरआई की नई तकनीकों से सड़कों की गुणवत्ता सुधारने में मिलेगी मदद
  • वेस्ट मैटेरियल की टाइल्स से फुटपाथ बनाने समेत कई योजनाओं पर होगा काम

ग्रेटर नोएडा। कपिल चौधरी

आधुनिक तकनीक के जरिए ग्रेटर नोएडा में सड़कों के निर्माण में और पारदर्शिता तथा गुणवत्ता बढ़ाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) दिल्ली के साथ एमओयू साइन कर लिया है। प्राधिकरण की एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग और सीआरआरआई दिल्ली की प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ अंबिका बहल ने हस्ताक्षरित एमओयू का आदान-प्रदान किया। सीआरआरआई ग्रेटर नोएडा में वेस्ट मैटेरियल से बनी टाइल्स का फुटपाथ बनाने समेत कई अन्य कार्यों में भी सहयोग करेगा।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार की पहल पर विकास कार्यों में आधुनिक तकनीकों की मदद से गुणवत्ता सुधारने के लिए सीआरआरआई के साथ सोमवार को एमओयू साइन कर लिया गया है। सीआरआरआई की तकनीकी सहायता से ग्रेटर नोएडा में सड़कों के निर्माण में पारदर्शिता तथा गुणवत्ता और बढा़ने में मदद मिलेगी। साथ ही वेस्ट मैटेरियल से बनी पेवर ब्लॉक टाइल्स का इस्तेमाल कर फुटपाथ बनाने में भी सहयोग करेगा। इससे पहले ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ मेधा रूपम और एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग व परियोजना विभाग की टीम सीआरआरआई परिसर में जाकर तकनीकों का अध्ययन कर चुकी है। एमओयू के दौरान सीआरआरआई से मिलने वाली सेवाओं पर भी चर्चा की गई। एमओयू होने से सीआरआरआई ग्रेटर नोएडा में सड़कों को ईको फ्रेंडली बनाने, आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर सड़क निर्माण का एस्टीमेट तैयार करने, सड़कों की गुणवत्ता और पारदर्शिता बढ़ाने समेत कई बिंदुओं पर अपनी कंसल्टेंसी देगा। प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा में फुटपाथ बनाने के लिए पॉलिथीन व अन्य कंस्ट्रक्शन वेस्ट मैटेरियल से तैयार पेवर ब्लॉक टाइल्स का भी इस्तेमाल करेगा।

प्राधिकरण सीआरआरआई को वेस्ट मैटेरियल देगा, जिसके एवज में केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान ग्रेटर नोएडा को सस्ती दरों पर पेवर ब्लॉक टाइल्स उपलब्ध कराएगा। इसका इस्तेमाल ग्रेटर नोएडा में सड़कों के किनारे फुटपाथ बनाने में किया जाएगा। पेवर ब्लॉक टाइल्स वेस्ट मैटेरियल से बनेंगी। ये पेवर ब्लॉक टाइल्स पर्यावरण के लिए भी अनुकूल होंगी। इसकी दरें कम होने से पैसोें की बचत भी होगी। ये टाइल्स लंबे समय तक चलेंगी। इनके रखरखाव पर भी बहुत कम खर्च होगा। इस दौरान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक आरए गौतम, राजेश गौतम के अलावा सीआरआरआई की टीम के अधिकारीगण मौजूद रहे।


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