नोएडा। दिव्यांशु ठाकुर
आज पूरे देश में भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। यह त्योहार हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है और हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष रक्षाबंधन पर भद्रा का साया भी रहेगा। मान्यता है कि भद्रा काल में राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता, इसलिए राखी हमेशा भद्रा के बीतने के बाद ही बांधनी चाहिए।
ज्योतिषियों के अनुसार, रक्षाबंधन के दिन भाई के तिलक के लिए उंगली का चयन विशेष ध्यान से करना चाहिए। यदि भाई बड़ा है और बहन छोटी है, तो अनामिका उंगली का प्रयोग तिलक के लिए करना चाहिए। वहीं, यदि भाई छोटा है और बहन बड़ी है, तो अंगूठे का उपयोग तिलक लगाने के लिए करना चाहिए।
रक्षाबंधन के इस अवसर पर, जिनके पास भाई या बहन नहीं हैं, वे मंदिर में जाकर पुरोहित से रक्षा सूत्र बंधवा सकते हैं या अपने इष्ट देव को राखी बांध सकते हैं। इस साल रक्षाबंधन का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह सावन के अंतिम सोमवार के साथ पड़ा है। शिवलिंग का गंगाजल और दूध से अभिषेक कर भगवान शिव की पूजा के बाद राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:32 से रात 9:07 तक रहेगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पुरुष और अविवाहित कन्याएं दाएं हाथ में राखी बांधते हैं, जबकि विवाहित स्त्रियां बाएं हाथ में राखी बांधती हैं। काले रंग के कपड़े पहनने से परहेज करने की सलाह दी जाती है।
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