बांसुरी से दूर करें वास्तु दोष: आठ प्रभावी उपाय

नोएडा। दिव्यांशु ठाकुर

भारतीय संस्कृति में बांसुरी का विशेष स्थान है, जिसे भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय वाद्य यंत्र माना जाता है। इसकी मधुर ध्वनि में शांति और दिव्यता होती है। वास्तु शास्त्र में बांसुरी का उपयोग घर के दोष दूर करने में भी किया जाता है। यहाँ हम वास्तु दोषों को कम करने के लिए बांसुरी के आठ प्रभावी उपाय बता रहे हैं।

अगर आपके घर के मुख्य द्वार पर वास्तु दोष है, तो वहाँ बांसुरी लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता है। खासतौर पर, लाल धागे से बंधी दो बांसुरियों का प्रयोग गृह कलह को भी समाप्त करता है।

धन से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए, उत्तर-पूर्व दिशा में बांसुरी रखें। हरे या आसमानी कपड़े में लपेटकर रखने से इसका प्रभाव और भी बढ़ जाता है। दांपत्य जीवन में सामंजस्य के लिए शयनकक्ष के दक्षिण-पश्चिम दिशा में बांसुरी रखना फायदेमंद होता है। यह प्रेम और सामंजस्य को बढ़ावा देता है। बच्चों की पढ़ाई में सुधार के लिए उनके अध्ययन कक्ष में बांसुरी रखें। अध्ययन टेबल के पास बांसुरी रखने से उनकी एकाग्रता और स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है।

मानसिक तनाव को दूर करने के लिए शयनकक्ष या ध्यान कक्ष में बांसुरी रखें। इसकी ऊर्जा मन को शांत करती है। नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति पाने के लिए उत्तर दिशा में बांसुरी रखें। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। कार्यस्थल पर बांसुरी रखने से नौकरी में तरक्की के रास्ते खुलते हैं। बीमारियों से राहत पाने के लिए बीमार व्यक्ति के शयनकक्ष में बांसुरी रखना स्वास्थ्य में सुधार करता है।


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