करवा चौथ का पर्व उत्तर भारत में विशेष रूप से मनाया जाता है, जहां सुहागिन महिलाएं अपने पतियों की लंबी आयु और सुखद दांपत्य जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इस साल करवा चौथ 20 अक्तूबर, रविवार को मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं करवा माता और गणेश जी की पूजा करती हैं।
आटे के दीपक का जलाना इस पर्व का महत्वपूर्ण हिस्सा है। हिंदू धर्म में आटे के दीपक को बेहद पवित्र माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, आटे के दीपक से पूजा करना पति की लंबी उम्र की कामना के लिए शुभ है। ऐसा माना जाता है कि इस दीपक को जलाने से यमराज की पीड़ा नहीं सहनी पड़ती। आटे के दीपक से करवा माता और अन्नपूर्णा माता प्रसन्न होती हैं, और यह दीपक संकटों को दूर करने और प्रेम भावना बढ़ाने में मददगार होता है। पूजा विधि के अनुसार, महिलाएं आटे में हल्दी मिलाकर उसे गूंथती हैं और दीपक का आकार देती हैं। फिर इस दीपक में घी डालकर उसे प्रज्वलित करती हैं। पूजा के समय चंद्रमा की पूजा करते समय, दीपक को छलनी में रखकर चांद और पति को देखें।
इसके अलावा, आटे का दीपक जलाना कर्ज से मुक्ति, विवाह, नौकरी, बीमारी, गृह कलह, और कोर्ट कचहरी में विजय प्राप्ति के लिए भी लाभकारी माना जाता है। इस पर्व का पालन करके महिलाएं अपने घर में सुख-शांति और समृद्धि की कामना करती हैं।
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