ग्रेटर नोएडा। कपिल तोंगड़
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण किसानों की आबादी विनियमावली (लीज बैक) के प्रकरणों को सुलझाने के लिए समिति की बैठक लगातार जारी है। आबादी व्यवस्थापन नियमावली की समिति ने खैरपुर गुर्जर व रायपुर बांगर गांव के लीज बैक के सभी 34 प्रकरणों को सुना, जिन प्रकरणों में साक्ष्य प्राप्त नहीं हुए थे, उन में किसानों से साक्ष्य जमा कराने को कहा गया।
दरअसल, आबादी की लीज बैक के लिए पहले एसीईओ और फिर सीईओ स्तर पर बनी समिति फैसला करती है। आबादी का लीज बैक सिर्फ उन्हीं किसानों के नाम ही हो सकती है, जो यहां के मूल निवासी हैं। सीईओ रितु माहेश्वरी की पहल पर समिति लीज बैक के प्रकरणों पर ग्रामवार सुनवाई कर रही है। इस बुधवार (05 अप्रैल) को खैरपुर व रायपुर बांगर गांव के लीज बैक प्रकरणों पर सुनवाई की। एसीईओ आनंद वर्धन के नेतृत्व में हुई इस बैठक में ओएसडी हिमांशु वर्मा, ओएसडी रजनीकांत, जितेंद्र गौतम समेत अन्य सदस्य भी शामिल हुए। समिति ने लीज बैक के पुराने प्रकरणों के साथ ही नए प्रकरणों पर भी सुनवाई की। किसानों के पक्ष को सुना। उनसे साक्ष्य प्राप्त किए। किसानों को 2011 व वर्तमान की सैटेलाइट इमेज भी दिखाई गई। जिन किसानों के पास साक्ष्य उपलब्ध नहीं थे, उनको आवेदन पत्र, मूल निवास का साक्ष्य और भूलेख के दस्तावेज शीघ्र ही विभाग में जमा कराने को कहा गया है। समिति साक्ष्यों व सुनवाई के आधार पर निर्णय लेगी और अपनी रिपोर्ट बनाकर शीघ्र ही सीईओ की अध्यक्षता में बनी समिति के समक्ष प्रस्तुत करेगी। समिति की संस्तुति के आधार पर बोर्ड के अनुमोदन के बाद किसानों को आबादी की जमीन लीज बैक की जाएगी। प्राधिकरण के एसीईओ आनंद वर्धन का कहना है कि सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर किसानों के आबादी प्रकरण सुलझाने के लिए समिति सुनवाई कर रही है। सभी गांवों के मसले एक-एक करके निपटाए जाएंगे। एसीईओ ने बताया कि अगली सुनवाई 12 अप्रैल को हैबतपुर गांव के किसानों की होगी।
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